वैशाख पूर्णिमा पर किए उपायों से मिलते शुभ फल || Vaibhav Vyas


 वैशाख पूर्णिमा पर किए उपायों से मिलते शुभ फल

वैशाख पूर्णिमा का पावन पर्व 18 मई को है। यूं तो पूर्णिमा हर महीने आती है, लेकिन वैशाख पूर्णिमा जिसे हम बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं, ये साल में एक बार आती है। वैशाख पूर्णिमा के दिन अगर हम कोई कार्य करते हैं और उसे सही विधि-विधान से करते हैं तो उससे हमें शुभफल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि आज के दिन किया गया दान हमें कई सारे फल दिलाता है।

जिस दिन वैशाख पूर्णिमा हो उस दिन सुबह उठकर नित्यकर्म के बाद स्नान कर लें और पूरे दिन श्रद्धा से उपवास रखें। रात्रि में फूल, धूप, दीप, अन्न, गुड़ से चंद्र देव की पूजा करके उन्हें अर्पित करें। इसके बाद जल से भरा हुआ एक घड़ा जरूरतमंद को दान दें। पकवान का भी दान करें।

इस विशेष दिन यमराज को स्मरण करते हुए पानी से भरा हुआ घड़ा और तरह-तरह का स्वादिष्ट खाना दान करने से 100 गायें दान करने के बराबर पुण्य लाभ मिलता है।

वैशाख पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों को दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन पांच या सात ब्राह्मणों को सत्तू, चीनी, गुड़ और तिल दान करने से मनचाहा फल मिलता है।

वैशाख पूर्णिमा के दिन विष्णु भगवान के मंदिर में तिल, देसी घी और शक्कर का दान करने से जातक की हर इच्छा पूरी होती है।

मान्यता है कि इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से कई जन्म के पाप और दोष मिट जाते हैं।

वैशाख पूर्णिमा के दिन यज्ञ में तिल और चीनी की आहुति देने से अच्छे और मंगल फल की प्राप्ति होती है।

वैसे तो पूरे वैशाख मास में पीपल की जड़ों में जल का सिंचन करना चाहिए, फिर भी पूर्णिमा के दिन सुबह सुबह पीपल पर जल अर्पित करना और दोनों समय पीपल पर दीपक अवश्य जलाना चाहिए।

भगवान श्री हरि विष्णु को अत्यन्त प्रिय वैशाख मास का महात्म्य कई प्रसंगों में मिलता है। वैशाख मास सुख से साध्य, अतिशय पुण्य प्रदान करने वाला है। पाप रूपी ईंधन को अग्नि की भाँति जलाने वाला, परम सुलभ तथा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष - चारों पुरुषार्थों को देने वाला है।

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