अमावस्या पर तर्पण से पूर्वजों की आत्मा को मिलती शांति || Vaibhav Vyas


 अमावस्या पर तर्पण से पूर्वजों की आत्मा को मिलती शांति

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि को दान-धर्म और तर्पण आदि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि अमावस्या तिथि के दिन पवित्र स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके सभी दुख एवं दोष दूर हो जाते हैं। ज्योतिष पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की तिथि को चैत्र अमावस्या या भूतड़ी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष चैत्र अमावस्या 20 मार्च 2023, सोमवार के दिन पड़ रही है।

शास्त्रों में बताया गया है कि इस विशेष दिन पर पवित्र नदी में स्नान करने से, तर्पण और जरूरतमंद, गाय या कौवे को भोजन कराने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। चैत्र अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या विशेष कारण से बुलाया जाता है।

चैत्र अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या कहने के पीछे कारण- गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अमावस्या तिथि के दिन पूर्वज अपने वंशजों के घर पधारते हैं और उन्हें भोजन कराया जाता है। ऐसा करने से आत्मा को शांति प्राप्त होती है। लेकिन कुछ आत्माएं ऐसी होती हैं जिनकी इच्छा अधूरी रह जाती है और वह इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी जीवित व्यक्ति के शरीर को अपने वश में करने का प्रयास करती हैं, ऐसे में जो बहुत ही उग्र होता है। ऐसे में आत्मा को शांत करने के लिए और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए भूतड़ी अमावस्या के दिन प्रभावित व्यक्ति को पवित्र नदी में स्नान कराया जाता है।

अमावस्या तिथि का महत्व- शास्त्रों में बताया गया है कि अमावस्या तिथि के दिन तर्पण आदि करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। साथ ही इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में उत्पन्न होने वाली कई बाधाएं दूर समाप्त हो जाती हैं और साधक को धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। अमावस्या तिथि के दिन पवित्र स्नान करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है और व्यक्ति के लिए मोक्ष का द्वार खुल जाते हैं।

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