हिंदू त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण त्यौहार है भाई दूज यह पूरे वर्ष में दो बार मनाई जाती है। यह त्यौहार भाई बहन के प्रेम और स्नेह के बंधन को मजबूत करता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाई दूज को द्वितीया तिथि के दिन मनाया जाता है। जैसा कि हमने पहले ही बता दिया है की एक वर्ष मे भाई दूज दो बार मनाया जाता है। भाई दूज को भ्रत्या द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष का पहला भाई दूज होलिका दहन के दूसरे दिन मनाया जाता है यानी कि होली खेलने के अगले दिन भाई दूज होता है जबकि दूसरा भाई दीपावली के दूसरे को मनाया जाता है। पूरे भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय भाई दूज दीपावली के समय पडऩे वाला भाई दूज है। होली के अगले दिन आने वाले भाई दूज को होली भाई दूज के नाम से जाना जाता है।
2023 के मार्च महीने में भाई दूज 9 मार्च 2023 को गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। इस भाई दूज को होली भाई दूज भी कहते हैं। मार्च में आने वाली यह भाई दूज 8 मार्च 2023 को शाम के समय 7.42 से प्रारंभ होगा और अगले दिन 9 मार्च 2023 को शाम के समय 8.54 पर समाप्त हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार 9 मार्च 2023 को ही भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। मार्च के महीने में मनाया जाने वाला भाई दूज चैत्र के कृष्ण पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है।
भाई दूज के दिन पहले अपने प्यारे भाई के माथे पर टीका लगाती है और अपने भाई के खुशहाल जीवन और लंबी उम्र की प्रार्थना करती है। इस दौरान भाई अपनी प्यारी बहनों को उपहार देते हैं तथा भाई और बहन दोनों एक दूसरे को मीठा खिलाते हैं। यह बिल्कुल रक्षाबंधन की तरह ही मनाया जाता है बस भाई दूज और रक्षाबंधन में फर्क यह है की रक्षा बंधन में कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा जाता है जबकि भाई दूज में रक्षा सूत्र नहीं बांधा जाता है। भाई दूज के दिन भाइयों को अपनी बहनों के लिए वस्त्रों का उपहार देना चाहिए।
होली भाई दूज का महत्व- भाई दूज के दिन जो भाई अपनी बहन के घर जाकर अपनी बहन से अपने माथे पर तिलक लगवाए और उसके हाथों से पकाया हुआ भोजन को खाएगा तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। शास्त्रों में बताया गया है की होली के अगले दिन अगर कोई भाई अपनी बहन से तिलक लगाता है तो वह कई प्रकार की बीमारियों से मुक्त हो जाता है।
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