कामदा एकादशी व्रत से होती मनोकामनाएं पूर्ण || Vaibhav Vyas


 कामदा एकादशी व्रत से होती मनोकामनाएं पूर्ण

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष कुल 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं। हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 का प्रथम एकादशी व्रत अर्थात कामदा एकादशी व्रत 1 अप्रैल 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की आराधना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। शास्त्रों में बताया गया है कि कामदा एकादशी के दिन श्री हरि की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

कामदा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त- हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 01 अप्रैल 2023 मध्य रात्रि 12 बजकर 28 मिनट पर होगा, जिसका समापन 2 अप्रैल को रात्रि 02 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस विशेष दिन पर रवि योग सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 02 अप्रैल को सुबह 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रवि योग में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।

कामदा एकादशी व्रत का महत्व- शास्त्रों में बताया गया है कि कामदा एकादशी व्रत के दिन श्री हरि की उपासना करने से और उपवास का पालन करने से साधक के सभी प्रकार के पाप दूर हो जाते हैं। साथ ही ब्रह्म हत्या का भय भी एकादशी व्रत रखने से मिट जाता है। एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है। इसके साथ एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु के विशेष मंत्रों का जाप और उनकी आरती का पाठ करने से साधक को शारीरिक, आर्थिक व मानसिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।

कामदा एकादशी व्रत मंत्र-

. ऊँ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ऊँ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।

ऊँ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।

दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

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