तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा की पूजा से मिलती निर्भयता || Vaibhav Vyas


 तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा की पूजा से मिलती निर्भयता

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है और मां चंद्रघंटा बाघ पर सवार होती हैं। कहा जाता है कि अत्याचारी दैत्य इस देवी के आसन से भयभीत हो जाते हैं। मां के इस रूप को परम शांतिदाता और कल्याणकारी कहा गया है। मां के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र होता है, इसलिए इन्हें देवी चंद्रघंटा कहा जाता है।

साथ ही देवी की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं और दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है। इतना ही नहीं जातक को कई तरह की ध्वनियां भी सुनाईं देने लगती हैं। इन क्षणों में साधक को अधिक सावधान रहना चाहिए। मां दुर्गा के इस रुपरूप की आराधना करने से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है। 

नवरात्रि के तीसरे दिन  यानी चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को मां दुर्गा के तीसरे रूप चंद्रघंटा माता की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही इस बार मां के इस रुप की पूजा 24 मार्च 2023, शुक्रवार के दिन की जाएगी।

इस विधि से करें मां चंद्रघंटा की पूजा- नवरात्रि के तीसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा के लिए स्वच्छ जल और पंचामृत तैयार करें। इसके बाद देवी को साधारण जल या गंगाजल से स्नान कराएं। पूजा में मां को फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर, धूप, दीप, भोग आदि चीजें अर्पित करनी चाहिए। तीसरे दिन की पूजा में माता चंद्रघंटा को केसर के दूध से बनी मिठाई या खीर का भोग लगाएं। माता को सफेद कमल, लाल गुलाब की माला और शंखपुष्पी का फूल अर्पित करें। इसके बाद आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और आपको मां चंद्रघंटा के मंत्र का जाप करना चाहिए। पूजा के अंत में माता की आरती अवश्य गाएं।

कहा जाता है कि तीसरे दिन की पूजा में घंटा जरूर बजाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और राक्षसी शक्तियां दूर हो जाती हैं।

मां चंद्रघंटा की पूजा करने का लाभ-

दुर्गा मां के इस रुप की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर साहस और निडरता बढ़ती है।

यदि आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह से जुड़ा कोई दोष है, तो आप माता की पूजा करें, क्योंकि इनका संबंध शुक्र ग्रह से होता है और इनकी पूजा से शुक्र ग्रह का दोष दूर हो जाता है।

अगर आप पारिवारिक सुख और समृद्धि चाहते है, तो आपको मां चंद्रघंटा की आराधना जरूर करनी चाहिए।

यह माता परिवार की रक्षक होती हैं खासकर संतानों की, वे अपनी संतानों को निडर बनाती हैं और उनमें साहस पैदा करती हैं।

अगर किसी वजह से आपका विवाह नहीं हो पा रहा है, तो आपको इन माता की पूजा करनी चाहिए। उनकी कृपा से विवाह से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

Comments