विवाह का योग नहीं बन रहा हो तो रत्नों को पहनने से बन सकती है बात || Vaibhav Vyas


 विवाह का योग नहीं बन रहा हो तो रत्नों को पहनने से बन सकती है बात

विवाह मानव जीवन के सबसे जरूरी संस्कारों में से एक है। सही उम्र में विवाह होने से व्यक्ति जहां सही वक्त पर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाता है, वहीं उसका दांपत्य जीवन भी खुशहाल रहता है।

 बावजूद इसके कई लोगों के जीवन में विवाह का योग नहीं बन पाता है और फिर उम्र ढलती जाती है। जैन ज्योतिष में बताए गए उपायों में से एक है, रत्न शास्त्र। कुछ विशेष रत्न होते हैं, जो इस मामले में आपके मददगार साबित हो सकते हैं। इन रत्नों को धारण करने से आपके जीवन में भी शहनाई बज सकती है।

गोमेद-

गोमेद को धारण करने से आपकी कुंडली के 5वें भाव में राहु मजबूत होता है। ऐसा होने से आपकी कुंडली में विवाह की संभावनाएं बढऩे लगती हैं और राहु के दुष्प्रभाव कम होने लगते हैं।

हीरा-

अगर कुंडली के 7वें भाव में आप शुक्र की दशा झेल रहे हैं तो आपके विवाह में व्यवधान उत्पन्न होंगे। इसके प्रभाव को कम करने के लिए आपको हीरा पहनना सर्वश्रेष्ठ रहेगा।

शुक्र का संबंध विवाह, संतान, भौतिक सुख से है।  हीरे को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में शुक्र के सभी दुष्प्रभाव कम होते हैं।

मोती-

रत्न शास्त्र में पुरुषों को मोती धारण करने की सलाह दी गई है। मान्यता है कि ऐसा करने से आपको सुंदर और सुयोग्य जीवनसंगिनी की प्राप्ति होती है और आपका वैवाहिक जीवन भी सुखमय और आनंद में व्यतीत होता है। वहीं सही उम्र में विवाह के योग भी बन जाते हैं।

नीलम-

जिन राशियों का स्वामी शनि है, उनके लिए नीलम धारण करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इनमें मुख्यत: मकर और कुंभ हैं। नीलम को धारण करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन को खुशियों से भर देते हैं।

पुखराज-

पुखराज को महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता है। खासकर उन महिलाओं के लिए जो विवाह में देरी का सामना कर रही हैं। पुखराज को धारण करने से उन महिलाओं को भी लाभ मिलता है, जिनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ रही हैं।

मगर ध्यान रखने वाली बात यह है कि अगर आप तुला या फिर वृषभ राशि से हैं तो आपको पुखराज धारण नहीं करना चाहिए।

रूबी-

जिन लोगों के विवाह में विलंब हो रहा है अगर वे रूबी को धारण करें तो उनके 7वें भाव में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। ऐसा करने से व्यक्ति के विवाह की राह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और सूर्य के दुष्प्रभाव भी कम होते हैं।

मूंगा-

मूंगे को धारण करने से आपका बुध ग्रह मजबूत स्थिति में आता है। बुध ग्रह का संबंध व्यक्ति के मस्तिष्क, बुद्धि और कार्य कौशल से होता है।

अगर आपके ऊपर बुध ग्रह की दशा सही नहीं है तो आपकी शादी सही समय से नहीं हो पाएगी। मगर मूंगा धारण करने से ऐसे सभी दुष्प्र्रभाव समाप्त होते हैं।

यह जानना है सबसे जरूरी

किसी भी रत्न अथवा मोती को धारण करने से पहले अच्छे ज्योतिषी के जानकार से सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि एक ही राशि के सभी लोगों की ग्रह दशा एक जैसी नहीं होती।

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