फाल्गुन मास में दान से अक्षय पुण्य फलों की प्राप्ति || Vaibhav Vyas


 फाल्गुन मास में दान से अक्षय पुण्य फलों की प्राप्ति

हिन्दू धर्म में फाल्गुन मास का महत्व इसलिए बढ़ जाता है कि क्योंकि यह महीना श्री हरि भगवान विष्णु और भगवान शिव से संबंधित है। इस मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। वहीं शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु से संबंधित त्यौहार आमलकी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस प्रकार इस माह के दौरान विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने पर भक्तजनों को भगवान शिव और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

फाल्गुन मास में कृष्ण भक्ति का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास में कृष्ण भक्ति का भी ख़ास महत्व होता है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस महीने भगवान श्रीकृष्ण के 3 स्वरूप यानी कि बाल कृष्ण, युवा कृष्ण एवं गुरु कृष्ण की सच्चे दिल से पूजा-आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जो लोग संतान सुख प्राप्ति की कामना कर रहे हैं, उन्हें बाल गोपाल की विधिवत पूजा करनी चाहिए। वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे जातकों को भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप युवा कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। जो लोग गुरु कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करते हैं, उन्हें मोक्ष एवं वैराग्य की प्राप्ति होती है।

फाल्गुन मास में दान-पुण्य का महत्व

हिन्दू धर्म में दान-पुण्य के महत्व से हम सभी वाकिफ़ हैं। हर माह में अलग-अलग चीज़ों का दान करना फलदायी माना जाता है। उसी प्रकार फाल्गुन मास के दौरान भी कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना उत्तम माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस माह के दौरान घी, तिल, सरसों का तेल, मौसमी फल आदि का दान करना सबसे शुभ और उत्तम फलदायी माना जाता है। इसलिए अपनी श्रद्धानुसार और क्षमतानुसार गऱीब/निर्धन एवं ज़रूरतमंद लोगों को इन चीज़ों का दान अवश्य करें। मान्यता है कि इस माह में इन चीज़ों के दान से अक्षय पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा पितरों के निमित्त तर्पण भी जरूर करें, जिससे पितर दोष दूर होकर उनका आशीर्वाद मिलने वाला रहता है।

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