प्रदोष व्रत से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि || Vaibhav Vyas


 प्रदोष व्रत से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत हर त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए प्रदोष व्रत विशेष फलदायी माना गया है। माघ महीना का दूसरा प्रदोष व्रत 2 फरवरी 2023 दिन गुरुवार को रखा जाएगा। गुरुवार के दिन होने से यह प्रदोष व्रत गुरु प्रदोष व्रत होगा। धार्मिक मान्यता है कि जो लोग प्रदोष व्रत रखते हुए संध्या के समय भोलेनाथ की विधिवत पूजा-आराधना करते हैं, उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है, सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जातक के सभी दोष मिट जाते हैं। 

गुरु प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त- 2 फरवरी 2023 को 06.01 से 08.38 तक पूजा अवधि  02 घण्टे 38 मिनट तक रहेगी। 

गुरु प्रदोष महत्व- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु प्रदोष व्रत के प्रभाव से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का वरदान मिलता है। रोग, कष्ट से मुक्ति पाने के लिए प्रदोष व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है। अपने नाम स्वरूप इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के समस्त दोष खत्म हो जाते हैं।

प्रदोष व्रत के दिन सुबह-सुबह किसी नदी या संगम पर स्नान करने के पश्चात दान-पुण्य करके भोलेनाथ की पूजा की जाए तो समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होने वाली मानी जाती है।

इस दिन स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। एक चौकी रखें और उस पर भगवान शिव और माता पार्वती का चित्र या कोई मूर्ति स्थापित करें। फिर षोडशोपचार पूजन करें। 

शाम के समय पुन: स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पूजन आरंभ करें। गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें। इसके बाद विधि पूर्वक पूजन और आरती करें। इस दिवस में जितना अधिक समय शिव मंत्रों, शिव स्तुतियों और शिव के ध्यान और पूजा-उपासना में व्यतीत होता है उतना ही व्रत का प्रभाव और फल बढऩे वाला होता है और मानसिक संतुष्टि को प्राप्त करने वाला होता है।

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