पापों से मुक्ति दिलाती जया एकादशी || Vaibhav Vyas


 पापों से मुक्ति दिलाती जया एकादशी

माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के नाम से जानते हैं। इस बार ये एकादशी 1 फरवरी 2023 को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। ऐसे में हर मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष में एक-एक एकादशी पड़ती है। हर एक एकादशी का अपना एक महत्व है। वहीं माघ मास के शुक्ल पक्ष में पडऩे वाली एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा और व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्रत रखने से व्यक्ति के ऊपर ऊपरी शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है और पापों से मुक्ति मिल जाती है। जया एकादशी को भूमि एकादशी, भीष्म एकादशी नाम से भी जानते हैँ।

जया एकादशी तिथि का आरंभ- 31 जनवरी 2023 को रात 11 बजकर 53 मिनट पर और समापन- 01 फरवरी 2023 को दोपहर 02 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। जया एकादशी 2023 तिथि- उदया तिथि के अनुसार जया एकादशी का व्रत 01 फरवरी 2023 को रखा जाएगा। सर्वार्थ सिद्धि योग- 1 फरवरी सुबह 07 बजकर 10 मिनट से 2 फरवरी की आधी रात 03 बजकर 23 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जिसकी वजह से इसका महत्व और अधिक हो जाता है।

पद्म पुराण के अनुसार, हर व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल मिलता है। ऐसे ही कई व्यक्तियों को प्रेम और भूत पिशाच योनी पर जाना पड़ता है। ऐसे में जो व्यक्ति जया एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें कष्टकारी पिशाच योनी से मुक्ति मिल जाती है।

जया एकादशी पूजन विधि-जया एकादशी के दिन सूर्योदय के समय उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद भगवान विष्णु का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद विधिवत तरीके से भगवान विष्णु की पूजा करें। भगवान विष्णु को पीला चंदन, अक्षत, फूल, माला,फल, पंचामृत, तुलसी दल आदि अर्पित करने के साथ घी का दीपक और धूप से विधिवत आरती कर लें। इसके साथ एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। दिनभर व्रत रखने के साथ रात्रि जागरण करें। इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। अगले दिन द्वादशी तिथि को स्नान करने के साथ दान आदि कर लें। इसके बाद ही व्रत का पारण कर लें।

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