गणेश जी की पूजा से विघ्न-बाधाओं से मुक्ति || Vaibhav Vyas


 गणेश जी की पूजा से विघ्न-बाधाओं से मुक्ति

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे गणेश चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी और वरद चतुर्थी भी कहा जाता है। इस साल गणेश जयंती 25 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। दक्षिण भारतीय मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र गणेश की पूजा की जाती है। गणेश जयंती के दिन विधि-विधान से व्रत और पूजन करने वालों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन भक्ति पूर्वक गणेश जी का पूजन करने वाले को पूरे साल शुभ फल की प्राप्ति होती है।

इस साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जनवरी 2023 दिन मंगलवार को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट से शुरू हो रही है। ये तिथि अगले दिन 25 जनवरी 2023 दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, इस बार गणेश जयंती 25 जनवरी को मनाई जाएगी। 25 जनवरी को गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में आप पूजा कर सकते हैं। शुभ मुहूर्त में पूजा-आराधना शीघ्र फलदायी होती है।

गणेश जयंती के दिन प्रात: काल स्नान-ध्यान के बाद गणपति बप्पा के व्रत का संकल्प लें। दिन में शुभ मुहूर्त के समय किसी पाटे, चौकी लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें। गंगाजल से छिड़काव करें और गणपति बप्पा को प्रणाम करें। सिंदूर से गणेश जी को तिलक करें और धूप-दीप जलाएं। गणेश भगवान को उनकी प्रिय चीजें मोदक, लड्डू, पुष्प, सिंदूर, जनेऊ और 21 दूर्वा अर्पित करें। बाद में पूरे परिवार सहित गणेश जी की आरती करें।

गणेश जी बुद्धि, शुभता के देव हैं। इनकी कृपा से जीवन में शुभता आती है, व्यक्ति को विघ्न-बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है। ऐसे में गणेश जयंती के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को शुभता का आशीर्वाद देते हैं।

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