नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं || Vaibhav Vyas


 नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

नव वर्ष की शुरुआत से ही स्वयं के लिए लिए जाने वाले संकल्प पूर्णता की ओर बढ़े। उत्साह और उमंग का संचार लगातार संचारित होता रहे। निराशा दूर हटती रहे। सहयोग की पात्रता के साथ चलने वाले रहे। जहां से आशीष मिलती रही है उनके प्रति कृतज्ञता का भाव रखे। प्रत्येक दिन अनुशासन की पाठशाला के साथ चलने की कामना करते हैं।

इस वर्ष की शुरुआत से ही शनिदेव की स्थितियां कुंभ में परिवर्तित होने वाली रहेगी। इसी वजह से आध्यात्मिकता की यात्रा में बढ़ोतरी के क्रम मिलने वाले रह सकते हैं। तीसरी दृष्टि नीचस्थ रहेगी, जिसकी वजह से अज्ञात भय से ऊपर उठने से नव चेतना पाने वाले हो सकते हैं। ग्रह गोचरीय दृष्टि से वृहस्पति स्व राशि स्थान से निकलकर मेष में प्रवेश करेंगे जहां चांडाल दोष बनने वाला रहेगा।

देव गुरु वृहस्पति पुन: मूल त्रिकोण को देखने वाले रहेंगे। इस वर्ष की शुरुआत में 12 जनवरी से मंगल मार्गी स्थितियों में रहेंगे। राहू और केतु अक्टूबर 23 तक मेष और तुला में गतिमान बाद में राशि स्थान में परिवर्तन रहने वाला रहेगा। इस वर्ष के मूलीय परिवर्तन कहे जा सकते हैं। सूर्य देव मकरस्थ प्रवेश करने वाले रहेंगे। जिनकी सूर्य की स्थितियां नीचस्थ रही है उनके लिए तुला दान के लिहाजा की स्थितियां बेहतर रहेगी। संकल्प शक्ति के साथ मन की प्रेरणाएं जुड़ती चली जाए तो कर्म की गतिविधियां भी बढऩे वाली रहती है।

वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार नव वर्ष जिसे नवसंवत्सर भी कहते हैं, की शुरुआत चैत्र मास की नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि से होती है। किन्तु अंग्रेजी कलेण्डर के अनुसार 1 जनवरी का दिन नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। नव वर्ष पर पूर्व में हुए अनुभवों और यादों को संजोए रखते हुए नव वर्ष में पूर्ण ऊर्जावान और संकल्पित होकर अपने लक्ष्यों की ओर बढऩे का प्रयत्न करना चाहिए। नव वर्ष की सभी के लिए परमेश्वर की उच्च सत्ता से यही प्रार्थना की जाती है कि नया साल सभी के जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य लेकर आए।

नव वर्ष सभी के लिए शुभ हो।

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