पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व || Vaibhav Vyas


 पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व

पूर्णिमा तिथि भगवान सत्यनारायण और मां लक्ष्मी को समर्पित होती है। नए साल की पहली पूर्णिमा यानी पौष पूर्णिमा है। आज के दिन हिंदू घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा और पूजा की जाती है। आज से ही पौराणिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले माघ मास का आरंभ हो जाता है। माघ के महीने में स्नान, दान और ध्यान का खास महत्व माना जाता है। प्रयागराज में आज से संगम तट पर माघ का मेला लग जाता है। माघ के महीने में प्रयाग, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार, काशी, नासिक, उज्जैन जैसे पवित्र तीर्थ स्थलों में जाकर गंगा स्नान करने का खास महत्व माना गया है। गंगा में स्नान कर पाना संभव नहीं हो तो घर में स्नान के जल में गंगाजल डालकर पुण्य प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि माघ के महीने में पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

साल की पहली पूर्णिमा मानी जाने वाली पौष पूर्णिमा का महत्व पुराणों में बेहद खास बताया गया है। इस तिथि पर त्रिवेणी में स्नान करने का खास महत्व बताया गया है। पौष पूर्णिमा पर स्नान दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के दिन गंगा में डुबकी लगाने का खास महत्व बताया गया है जिससे मोक्ष की प्राप्ति का द्वार खुल जाता है। इस दिन कुछ धार्मिक उपाय करना बेहद प्रभावशाली माना गया है और ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

घर में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए और कार्यों में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद मुख्य द्वार पर अशोक के पत्ते या फिर आम के पत्ते का तोरण लगाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपके घर पधारती हैं।

पूर्णिमा तिथि पर भगवान सत्यनारायण की कथा करवाने का विशेष महत्व होता है। कहते हैं इस दिन श्रीहरि की विधि-विधान से पूजा करने और मां लक्ष्मी का व्रत करने से सभी प्रकार के संकट और कष्टों का नाश होता है और आपके घर में सुख समृद्धि आती है।

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