प्रदोष व्रत से सुख-समृद्धि में वृद्धि || Vaibhav Vyas


 प्रदोष व्रत से सुख-समृद्धि में वृद्धि

सभी देवों में शिव जी का स्थान सबसे ऊंचा माना गया है। इसलिए उन्हें देवों के देव महादेव कहा जाता है। भगवान शिव शंकर की पूजा आराधना करने से जीवन में कभी भी सुख समृद्धि की कमी नहीं होती है। वैसे तो शिव जी की पूजा करने के लिए सोमवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। लेकिन धर्म शास्त्रों में सोमवार के अलावा ऐसी कई तिथियों का वर्णन है, जिस दिन पूजा करके शिव जी की कृपा पाई जा सकती है। इन्हीं तिथियों में से एक है त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत प्रत्येक माह में दो बार त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन व्रत रख कर प्रदोष काल में भगवान शिव शंकर की पूजा की जाती है।

पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 19 जनवरी 2023, दिन गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 18 मिनट पर हो रही है। ये तिथि 20 जनवरी शुक्रवार को सुबह 09 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए गुरु प्रदोष व्रत 19 जनवरी को ही रखा जाएगा।

साल के पहले प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। एक चौकी रखें और उस पर भगवान शिव और माता पार्वती का चित्र या कोई मूर्ति स्थापित करें। फिर षोडशोपचार पूजन करें। 

शाम के समय पुन: स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पूजन आरंभ करें। गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें। इसके बाद विधि पूर्वक पूजन और आरती करें।

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