षटतिला एकादशी पर तिल का महत्व अधिक || Vaibhav Vyas


 षटतिला एकादशी पर तिल का महत्व अधिक

पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में एकादशी तिथि पड़ती है। सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होती हैं। माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पडऩे वाली एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल षटतिला एकादशी बुधवार 18 जनवरी 2023 को पड़ रही है।

षटतिला एकादशी पर तिल का बहुत महत्व होता है। इसलिए इसे तिल एकादशी भी कहा जाता है। षटतिला एकादशी में न सिर्फ तिल का प्रयोग करने बल्कि तिल के दान का भी महत्व होता है।

श्रीकृष्ण द्वारा कहा गया है कि संसार में सभी जीव निरंतर कर्म करते हैं। इस तरह जाने-अनजाने में उनसे पाप कर्म भी होते हैं। शास्त्रों में पापकर्म से मुक्ति के लिए कई तरह के उपायों के बारे में बताया गया है, इन्हीं में एक है माघ कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी। शास्त्रों के अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत रखने और इसमें स्नान-दान, खाने-पकाने और पूजा-पाठ से लेकर कई तरह से तिल का उपयोग करना श्रेष्ठ होता है। इससे व्यक्ति के पापकर्मों का नाश होता है।

षटतिला एकादशी मुहूर्त- षटतिला एकादशी तिथि आरंभ मंगलवार 17 जनवरी 2023, शाम 06.05 से

षटतिला एकादशी समाप्त बुधवार 18 जनवरी 2023, शाम 04.3 पर। उदयातिथि के अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत और पूजन 18 जनवरी को करना मान्य होगा।

षटतिला एकादशी पर पूरे दिन कई तरह से तिल का उपयोग करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन तिल का उपयोग करने से पुण्य कर्म भी बढ़ते हैं। इतना ही नहीं षटतिला एकादशी पर किए गए तिल के उपयोग और दान का फल स्वर्ग में भी प्राप्त होता है, ऐसा षटतिला एकादशी की व्रत कथा में बताया गया है।

षटतिला एकादशी पर सुबह तिल का उबटन लगाकर या जल में तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए। पूजा में भगवान को तिल से बने भोग अर्पित करना चाहिए। षटतिला एकादशी पूजा में तिल से हवन कराएं। गरीब और जरूरतमंदों में इस दिन तिल का दान करें। जल में तिल डालकर पीएं। तिल के लड्डू या तिल से व्यंजन पकाएं।

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