सफलता दिलाती सफला एकादशी || Vaibhav Vyas


 सफलता दिलाती सफला एकादशी

सफला एकादशी व्रत हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान श्रीनारायण की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है कि आप 5 हजार साल तक कोई व्रत करते हैं और उससे जो फल प्राप्त होता है, उतना फल मात्र सफला एकादशी व्रत करने से मिल जाता है। पौराणिक मान्यता भी है कि सभी व्रतों में एकादशी व्रत श्रेष्ठ है। यह सभी पापों को दूर करके व्यक्ति को मोक्ष प्रदान करती है। जैसा कि एकादशी के नाम में ही सफला शब्द का प्रयोग इसके गुण-धर्म को दर्शा देती है इसी वजह से इस दिन का व्रत और पूजा-उपासना जीवन में चल रही सभी परेशानियों से निजात दिलाकर सफलता दिलाने वाली होती है।

पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 19 दिसंबर दिन सोमवार को तड़के 03 बजकर 32 मिनट से लग रही है और यह तिथि अगले दिन 20 दिसंबर मंगलवार को तड़के 02 बजकर 32 मिनट तक मान्य रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर सफला एकादशी व्रत 19 दिसंबर को रखा जाएगा।

19 दिसंबर को जो लोग सफला एकादशी का व्रत रखेंगे, वे इस दिन सुबह 07 बजकर 09 मिनट से सुबह 08 बजकर 26 मिनट के मध्य अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा आप सुबह 09 बजकर 43 मिनट से सुबह 11 बजकर 01 मिनट के मध्य भी सफला एकादशी व्रत की पूजा कर सकते हैं। इस समय में शुभ उत्तम मुहूर्त रहेगा।

जो लोग 19 दिसंबर को सफला एकादशी का व्रत रखेंगे, वे अगले दिन 20 दिसंबर मंगलवार को पारण करके व्रत को पूरा करेंगे। इस दिन सफला एकादशी व्रत के पारण का समय सुबह 08 बजकर 05 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक है। इस समय में आपको पारण कर लेना चाहिए।

सफला एकादशी पर शिववास भी- 19 दिसंबर को सफला एकादशी के दिन शिववास भी है। इस दिन सुबह से लेकर अगले दिन 20 दिसंबर को तड़के 02 बजकर 32 मिनट तक शिववास है। जिस दिन शिववास होता है, उस दिन आप रुद्राभिषेक करा सकते हैं जिससे एकादशी का और अधिक शुभ फल मिलने वाला रहता है।

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