पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा || Vaibhav Vyas


 पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा

हिंदू धर्म में पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में एक बार पूर्णिमा पड़ती है। सावन मास की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का पावन पर्व भी है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

सावन मास की पूर्णिमा का व्रत 11 अगस्त को रखा जाएगा और स्नान- दान 12 अगस्त को किया जाएगा। पूर्णिमा व्रत में रात्रि में चांद की पूजा की जाती है, जिस वजह से व्रत 11 अगस्त को किया जाएगा। पंचांग के अनुसार 12 अगस्त की रात्रि तक पूर्णिमा तिथि नहीं रहेगी, जिस वजह से व्रत 11 अगस्त को स्नान दान 12 अगस्त को ही किया जाएगा। 

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। नदियों में स्नान संभव नहीं हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें। नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है। इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें। भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें। इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें। 

पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें। 

चंद्रमा को अघ्र्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है। इस दिन जरूरतमंद लोगों की यथासंभव मदद करें। अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यूं तो पूरे सावन मास में भगवान शिव की भक्ति की जाती है। परंतु सावन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा और उपासना से जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितरों की शांति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह भी बहुत उत्तम मानी गई है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रावणी पूर्णिमा पर भगवान शिव की आराधना और ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात मंत्र का जाप करने से जीवन में पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। सावन पूर्णिमा के दिन सुबह पीपल के पेड़ की जड़ में पानी देने और माता लक्ष्मी का पूजन करना शुभ माना जाता। पूजन के बाद धूप-दीप से आरती करें और भोग लगाएं। मान्यता है कि इस उपाय से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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