शिव को प्रिय गंगाजल से करें अभिषेक || Vaibhav Vyas


 शिव को प्रिय गंगाजल से करें अभिषेक

देवों के देव महादेव की साधना के लिए श्रावण मास को सबसे उत्तम माना गया है। यही कारण है कि भोले के भक्त पूरे साल इस पावन महीने के आने का इंतजार करते हैं। शिव की कृपा बरसाने वाला सावन का महीने में भगवान शकंर का आशीर्वाद पाने के लिए उनके भक्त तमाम तरह से उनकी पूजा-पाठ, जप-तप और व्रत करते हैं। कोई उन्हें दूध तो कोई उन्हें सिर्फ गंगाजल चढ़ाकर प्रसन्न करने का प्रयास करता है।

भगवान शिव के प्रिय सावन महीने में प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठने का प्रयास करें और प्रतिदिन नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करें। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में ही करने का प्रयास करें क्योंकि इस काल में पूजा करने पर देवों के देव महादेव शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। श्रावण मास में शिव पूजा में गंगाजल के साथ महादेव को प्रिय लगने वाले शमी एवं बेल पत्र को जरूर चढ़ाएं। इन दोनों ही पत्र को हमेशा डंठल तोड़कर उलटा करके चढ़ाएं। सावन के महीने में भगवान शिव को दूध, दही, शहद आदि अर्पित करने के बाद जल अवश्य चढ़ाएं। ध्यान रहे कि भगवान शिव को तांबे के लोटे से जल तो चढ़ाना चाहिए लेकिन भूलकर भी उससे दूध नहीं चढ़ाना चाहिए। अंत में सबसे खास बात यह कि भगवान शिव की सिर्फ आधी परिक्रमा करनी चाहिए और कभी भूलकर भी उनकी जलहरी नहीं लांघनी चाहिए।

जिस सावन के महीने में देवी सती ने अपने दूसरे जन्म में कठोर जप-तप और व्रत करके देवों के देव महादेव को प्राप्त किया, उसमें पडऩे वाले सावन सोमवार को व्रत करते समय शिव पूजा से जुड़े सभी नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। सबसे जरूरी बात यह कि भगवान शिव की पूजा में गंगाजल का प्रयोग जरूर करें। मान्यता है कि भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय गंगाजल को अर्पित करने पर शिव साधक को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य फल मिलता है। श्रावण मास में महादेव के साथ माता पार्वती, गणपति, कार्तिकेय और नाग देवता की पूजा करनी चाहिए।

सप्ताह के सात दिनों में सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन औढरदानी भगवान शिव की पूजा करने पर शिव की कृपा शीघ्र बरसती है। जब यह सोमवार भगवान शिव को सबसे प्रिय लगने वाले सावन के महीने में पड़ता है तो इस दिन की जाने वाली पूजा और व्रत का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है।

सावन में करें महादेव की पूजा का महाउपाय- हिंदू धर्म में भगवान शिव को भोलेनाथ कहा गया है क्योंकि वे श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करने पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

सावन के महीने में धन की कामना से शिव पूजा करने वाले भक्तों को पूरे मास स्फटिक के शिवलिंग की सफेद चंदन से पूजा करनी चाहिए। शिव पूजा के इस उपाय को करने पर महादेव के साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है।

किसी भी कार्य विशेष में आ रही अड़चन को दूर करके उसमें मनचाही सफलता को पाने के लिए भोले के भक्त को पूरे सावन के महीने में पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।

जिन लोगों को विवाह के बाद लंबा समय बीत जाने के बाद भी संतान सुख नहीं मिल पाया है, उन्हें सावन के महीने में मक्खन का शिवलिंग बनाकर गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। मान्यता है कि श्रद्धा और विश्वास के साथ शिव की पूजा से जुड़े इस उपाय को करने पर शीघ्र ही उन्हें संतान सुख प्राप्त होता है।

यदि आपको अब तक अपने भवन का सुख नहीं मिल पाया है या फिर आपकी पैतृक संपत्ति को पाने में बाधाएं आ रही हैं तो आपको सावन के महीने में शहद से शिवलिंग का विशेष पूजन करना चाहिए। शिवलिंग का दही से अभिषेक करने से आने वाली परेशानियां दूर चली जाएंगी। घी से अभिषेक करने से शक्ति बढ़ेगी और शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने से आपका यश बढ़ेगा।

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