मां सिद्धिदात्री की पूजा से मनोवांछित फलों की प्राप्ति || Vaibhav Vyas


 मां सिद्धिदात्री की पूजा से मनोवांछित फलों की प्राप्ति

नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवे स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां अंबे का आशीर्वाद पाने के इस दिन मां की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सभी तरह के दुख, कष्ट आदि दूर हो जाते हैं और माता की कृपा प्राप्त होती है।

नवरात्रि नवमी तिथि के दिन आग्नेय कोण में मां दुर्गा की ज्योत जलाएं। इस जोत को जलाने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। इससे सभी तरह के रोग एवं दोष भी दूर होते हैं। इसके साथ ही अगर आप नवरात्रि के दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर पाएं हैं तो नवमी तिथि को दुर्गा सप्तशती के उत्तम चरित्र का पाठ कर लें। इसका पाठ करने से अन्न, धन, यश व कीर्ति की प्राप्ति होती है।

नवमी तिथि पर नौ कन्याओं की पूजा करके उन्हें सम्मान पूर्वक हलवे-चने के साथ पूड़ी सब्जी का श्रद्धानुसार भोजन कराएं, दक्षिणा दें और अच्छे भाव से विदा करें। ऐसे करने से माता प्रसन्न होकर आपका आर्थिक संकट दूर करके आपके जीवन को सुखमय बना देगी और घर में धन की वर्षा होगी। माना जाता है कि कन्या रूप में मां स्वयं घर में आती है इसलिए इनकी पूजा श्रद्धापूर्वक करनी चाहिए। कन्या पूजन को कुमारी पूजन भी कहा जाता है।

नवमी तिथि पर मां दुर्गा को गंगाजल से स्नान कराएं। मान्यता है कि मां का गौर वर्ण गंगा स्नान से ही प्राप्त हुआ था। इसलिए इन दोनों तिथियों पर मां की विधि विधान से पूजा करें और दुर्गा रक्षा कवच का पाठ करें। इसके साथ ही मां दुर्गा की पूजा के दौरान पीले रंग की कौडिय़ों और शंख की भी पूजा करें। इससे आर्थिक समस्या दूर होती हैं और आप पर मां लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है।

नवमी तिथि की रात में मां दुर्गा की पूजा करें। रात्रि पूजा में मां के सामने जल से भरा कलश रख दें और उसमें 9 अशोक के पत्ते रख दें। इसके बाद मां दुर्गा के सप्तशती के मंत्रों का 108 बार जप करें। साथ ही रात्रि 12 बजे घर के मुख्य द्वार पर गाय के देसी घी का दीपक जलाएं। जप करने के बाद कलश को उठाकर आम या पान के पत्तों से पूरे घर में छिड़क दें और बचे हुए पानी को सुबह तुलसी में डाल दें। ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मक शक्ति खत्म हो जाती है और सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही सुख-समृद्धि बनी रहती है।

Comments