सावन में सोमवार का विशेष महत्व || Vaibhav Vyas


 सावन में सोमवार का विशेष महत्व

सावन में पडऩे वाले प्रत्येक सोमवार को शिवजी की पूजा के साथ ही साथ गणेशजी, पार्वतीजी, कार्तिकेय और नंदी की पूजा भी करने से पूजा शीघ्र फलदायी मानी गई है। सावन में सोमवार व्रत से पुत्रहीन पुत्रवान और निर्धन धनवान होते हैं। स्त्री अगर यह व्रत करती है, तो उसके पति की शिवजी रक्षा करते हैं। सोमवार का व्रत साधारणतया दिन के तीसरे पहर तक होता है। इस व्रत में फलाहार या पारण का कोई खास नियम नहीं है, किंतु आवश्यक है कि दिन-रात में केवल एक ही समय भोजन करें। सोमवार के व्रत में शिव-पार्वती का पूजन करना चाहिए।

सावन के महीने में गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, पंचाक्षर मंत्र इत्यादि शिव मंत्रों का जाप शुभ फलों में वृद्धि करने वाला होता है। सावन के पवित्र महीने में भक्त शिवालय में स्थापित, प्राण-प्रतिष्ठित शिवलिंग या धातु से निर्मित लिंग का गंगाजल व दुग्ध से रुद्राभिषेक कराते हैं। शिवलिंग का रुद्राभिषेक भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इन दिनों शिवलिंग पर गंगा जल द्वारा अभिषेक करने से भगवान शिव अतिप्रसन्न होते हैं। शिवलिंग का दुग्धा अभिषेक एवं घृत से अभिषेक करने पर योग्य संतान की प्राप्ति होती है। ईख के रस से धन संपदा की प्राप्ति होती है और कुशोदक से समस्त व्याधि शांत होती है। दधि से पशु धन की प्राप्ति होती है और शहद से शिवलिंग पर अभिषेक करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

भगवान शिव की प्रसन्नता पाने के लिए-

- सावन के महीने में रुद्राक्ष की माला धारण करें व रुद्राक्ष माला से शिव मंत्र का जाप करें।

- पूजन के समय भगवान शिव को भभूती लगायें और अपने मस्तक पर भी भभूती लगायें।

- सावन मास में शिव चालीसा और आरती का पाठ करें।

- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

- सावन के महीने में सभी सोमवार को व्रत रखें।

- बेलपत्र, दूध, शहद और जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।

- शिवलिंग पर केसर चढ़ाने से आप सौम्य होंगे।

- चीनी से शिवलिंग का अभिषेक करने से सुख और वैभव की प्राप्ति होगी और दरिद्रता चली जायेगी।

- शिवलिंग पर इत्र चढ़ाने से विचार और मन पवित्र होंगे।

- शिवलिंग का दही से अभिषेक करने से आने वाली परेशानियां दूर चली जाएंगी।

- घी से अभिषेक करने से शक्ति बढ़ेगी और शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने से आपका यश बढ़ेगा।

- सावन में अधिक से अधिक ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए।

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