रुद्राभिषेक करने से होता दुखों का अंत || Vaibhav Vyas


 रुद्राभिषेक करने से होता दुखों का अंत

रुद्र अर्थात भूतभावन शिव का अभिषेक। शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही रुद्र कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र- यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं। हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है।

रुद्र हृदयोपनिषद में शिव के बारे में कहा गया है कि सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा हैं। हमारे शास्त्रों में विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक द्रव्यों तथा पूजन सामग्री को बताया गया है। साधक रुद्राभिषेक पूजन विभिन्न विधि से तथा विविध मनोरथ को लेकर करते हैं। किसी खास मनोरथ की पूर्ति के लिए तदनुसार पूजन सामग्री तथा विधि से रुद्राभिषेक किया जाना चाहिए।

रुद्राभिषेक, महादेव को प्रसन्न करने में रामबाण है। यदि सही समय पर रुद्राभिषेक किया जाए, तो आप भी महादेव से मनचाहा वरदान प्राप्त कर सकते हैं। शास्त्रों की मानें तो महादेव के रुद्र रूप को अभिषेक बहुत ही प्रिय है। इसीलिए भक्तगण महादेव को जल्दी प्रसन्न करने के लिए उनका रुद्राभिषेक जरूर करते हैं। इतना नहीं सावन शिवरात्रि में तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

सभी देवों में महादेव ही हैं जो अपने भक्तों की अल्प पूजा से ही बहुत जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं। यदि आप अपनी कुछ विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति करना चाहते हैं तो आपके लिए महादेव का रुद्राभिषेक करना सबसे शुभ उपाय हो सकता है।

वैसे तो भोलेनाथ कैसी भी पूजा पाठ करने से प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन रुद्राभिषेक उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है। कहते हैं कि आप रुद्राभिषेक से महादेव को प्रसन्न करके असंभव को भी संभव करने की शक्ति पा लेते हैं। इसीलिए आप भी सही समय पर रुद्राभिषेक कीजिए और महादेव की अपार कृपा पाइए।

कहते हैं रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं। भोलेनाथ की कृपा से सारे ग्रहों की बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश हो जाता है।

शिवलिंग पर मंत्रों के साथ विशेष चीजें अर्पित करना ही रुद्राभिषेक कहा जाता है। रुद्राभिषेक में शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ किया जाता है। सावन के महीने में रुद्राभिषेक करना ज्यादा अति शुभकारी होता है। तभी तो कहते हैं कि रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं।

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