गुरु की महत्ता को समर्पित गुरु पूर्णिमा || Vaibhav Vyas


 गुरु की महत्ता को समर्पित गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को श्रद्धाभाव व उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व जीवन में गुरु की महत्ता को समर्पित है। सिख धर्म में भी गुरु को भगवान माना जाता है इस कारण गुरु पूर्णिमा सिख धर्म का भी अहम त्यौहार बन चुका है।

मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा को आदि गुरु वेद व्यास का जन्म हुआ था। उनके सम्मान में ही आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। मगर गूढ़ अर्थों को देखना चाहिए क्योंकि आषाढ़ मास में आने वाली पूर्णिमा तो पता भी नहीं चलती है। आकाश में बादल घिरे हो सकते हैं और बहुत संभव है कि चंद्रमा के दर्शन तक न हो पाएं। फिर भी महत्व तो आषाढ़ पूर्णिमा का ही अधिक है क्योंकि इसका विशेष महत्व है। आषाढ़ की पूर्णिमा को चुनने के पीछे गहरा अर्थ है। अर्थ है कि गुरु तो पूर्णिमा के चंद्रमा की तरह हैं जो पूर्ण प्रकाशमान हैं और शिष्य आषाढ़ के बादलों की तरह। आषाढ़ में चंद्रमा बादलों से घिरा रहता है जैसे बादल रूपी शिष्यों से गुरु घिरे हों। शिष्य सब तरह के हो सकते हैं, जन्मों के अंधेरे को लेकर आ छाए हैं। वे अंधेरे बादल की तरह ही हैं। उसमें भी गुरु चांद की तरह चमक सके, उस अंधेरे से घिरे वातावरण में भी प्रकाश जगा सके, तो ही गुरु पद की श्रेष्ठता है। इसलिए आषाढ़ की पूर्णिमा का महत्व है। इसमें गुरु की तरफ भी इशारा है और शिष्य की तरफ भी। यह इशारा तो है ही कि दोनों का मिलन जहां हो, वहीं कोई सार्थकता है। गुरु पुर्णिमा पर्व का महत्व जीवन में गुरु और शिक्षक के महत्व को आने वाली पीढ़ी को बताने के लिए यह पर्व आदर्श है। व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा अंधविश्वास के आधार पर नहीं बल्कि श्रद्धाभाव से मनाना चाहिए। गुरु का आशीर्वाद सबके लिए कल्याणकारी व ज्ञानवद्र्धक होता है, इसलिए इस दिन गुरु पूजन के उपरांत गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। सिख धर्म में इस पर्व का महत्व अधिक इस कारण है क्योंकि सिख इतिहास में उनके दस गुरुओं का बेहद महत्व रहा है।

गुरु की महिमा भगवान से भी ऊपर मानी गई है। इसी वजह से कहा भी गया है कि-

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागू पांव।

बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय।।

गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर।

गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।

Comments