कामना पूर्ति का महीना आषाढ़ मास || Vaibhav Vyas


 कामना पूर्ति का महीना आषाढ़ मास

हिंदू धर्म में आषाढ़ के महीने को कामना पूर्ति का महीना कहा जाता है। आषाढ़ माह 13 जुलाई को खत्म होगा। सनातन धर्म में इस माह को बहुत ही पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु इसी माह से चार महीने के लिए पृथ्वी लोक को छोड़कर क्षीर सागर में योग निद्रा के लिए चले जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि पृथ्वी लोक की देखभाल भगवान शिव करते हैं।

इस मास में कई पर्व जैसे योगिनी एकादशी, देवशयनी एकादशी, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि आते हैं जिनका विशेष महत्व है। जगन्नाथ यात्रा भी इसी माह में होती है। इसी माह में गुप्त नवरात्रि भी आती है। इस माह में वर्षा ऋतु प्रारम्भ हो जाती है। इसलिए ऐसी मान्यता है कि इस पूरे महीने में यदि आप ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुछ खास उपायों को करते हैं तो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होने लगता है।

पूजा पाठ का है विशेष महत्व- आषाढ़ के महीने में जप, तप, पूजा उपासना और स्नान दान का बड़ा ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि यदि इस दौरान सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा से जप तप किया जाए तो सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऐसा माना जाता है की इस माह में जो भी मनोकामना की जाती है वह जरूर पूरी होती है। इसलिए पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजन-अर्चन करना चाहिए।

भगवान शिव एवं विष्णु की पूजा करें- आषाढ़ माह में भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की पूजा का भी उतना ही महत्व है। क्योंकि भगवान विष्णु जब चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं तब उस समय भगवान शिव ही सारी पृथ्वी का ध्यान रखते हैं। इसलिए यदि आप इस माह विष्णु जी के साथ भगवान शिव जी की पूजा भी करते है तो ये विशेष फलदायी होता है।

दान का महत्व- शास्त्रों में आषाढ़ मास को ध्यान, योग और अध्ययन के लिए उत्तम माना गया है। इस माह में दान पुण्य का भी बहुत महत्व है। इस पूरे महीने में किसी गरीब या जरूरतमंद को गेहूं, चावल, तिल, छाता, चप्पल, आंवला  दान में देना अति शुभ होता है।

गुप्त नवरात्रि- साल में चार नवरात्रि आती है जिसमे से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस दौरान मां दुर्गा एवं काली की पूजा करने का प्रावधान है। इस दौरान मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा शीघ्र फलदायी मानी गई है। इस दौरान व्रत रखकर पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इसी वजह से आषाढ़ माह में की गई पूजा-अर्चना जहां अत्यंत लाभकारी होने के साथ ही साथ सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है।

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