दाम्पत्य और संतान सुख के लिए करें वट पूर्णिमा व्रत || Vaibhav Vyas


 दाम्पत्य और संतान सुख के लिए करें वट पूर्णिमा व्रत

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। हर माह के आखिरी दिन पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा 14 जून मंगलवार के दिन पड़ रही है। इस दिन वट पूर्णिमा व्रत भी रखा जाएगा। वट पूर्णिमा का व्रत पति की लंबी आयु, दांप्तय सुख और पुत्र की कामना के लिए रखा जाता है। पूर्णिमा के दिन स्नान और दान की विशेष परंपरा है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा और पूजा की जाती है। इस दिन सत्यनारायण की विधि-विधान से पूजा-अर्चना के पश्चात सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण-वाचन करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होने वाला रहता है। पूर्णिमा के दिन नदी-संगम में स्नान करने का भी विशेष महत्व रहता है। इस दिन नदी-संगम में स्नान संभव नहीं हो तो घर में ही स्नान के समय गंगा जल को मिलाकर स्नान करना चाहिए और यथा संभव जरूरतमंदों को दान-पुण्य करना चाहिए। अपनी सामथ्र्य के अनुसार गरीबों को भोजन कराना चाहिए और भोजन के पश्चात उन्हें दान-दक्षिणा देने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होने वाली रहती है।

ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन-वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही, चंद्र की पूजा से चंद्र दोष से छुटकारा मिलता है।

हिंदू पंचाग के अनुसार 13 जून सोमवार रात 9 बजकर 02 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का आरंभ होगा और 14 जून मंगलवार शाम 5 बजकर 21 मिनट पर इसका समापन होगा। किसी भी व्रत और पूजा के लिए तिथि की उदयातिथि देखी जाती है। ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 14 जून को रखा जाएगा। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर साध्य और शुभ योग बन रहा है। साध्य योग सुबह 9 बजकर 40 मिनट तक है और फिर शुभ योग लग जाएगा। वहीं, सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक शुभ समय है। पूर्णिमा व्रत की पूजा प्रात: काल में की जाती है और रात के समय चंद्रमा की पूजा की जाती है। ऐसे में दोनों समय विशेष योग में की गई पूजा-अर्चना शीघ्र फलदायी होने वाली मानी गई है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रात में चंद्रोदय समय शाम 07 बजकर 29 मिनट पर होगा। इस दिन चंद्रोदय के बाद विधि-विधान से चंद्र देव की पूजा की परंपरा है। चंद्र पूजन के दौरान जल में दूध, शक्कर, फूल और अक्षत मिलाकर चंद्र देव को अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति के कुंडली से जुड़े दोषों से छुटकारा मिलता है।

पूर्णिमा के दिन अगर आप आर्थिक संकट से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति चाहते हैं, तो रात में मां लक्ष्मी से जुड़े उपाय कर लें। इस दिन रात के समय मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक उन्नति के रास्ते खुलते हैं और वह उत्तरोत्तर प्रगति करता जाता है।

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