निर्जला एकादशी पर दान-पुण्य का फल अक्षय || Vaibhav Vyas


 निर्जला एकादशी पर दान-पुण्य का फल अक्षय

हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशी होती हैं और सभी का विशेष धार्मिक महत्व होता है। एकादशी तिथि पर प्रमुख तौर पर नारायण यानी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इन सभी एकादशी में से कुछ का महत्व बेहद खास होता है और इन्हीं में से एक है निर्जला एकादशी। मान्यता है कि निर्जला एकादशी पर व्रत करने वाले व्रती को साल की बाकी 23 एकादशियों का व्रत करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। ग्रीष्म काल में पडऩे वाली निर्जला एकादशी पर दान करने का सर्वाधिक महत्व होता है। इस साल निर्जला एकादशी 21 जून को है।

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन तुलसी पूजन करने से श्रीहरि बेहद प्रसन्न होते हैं। शाम के वक्त तुलसी के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने से आपके घर में कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती और कर्ज से मुक्ति मिलती है। व्यापार में वृद्धि और घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।

शास्त्रों में बताया गया है कि निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी और भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है और इस दिन व्रत करने वाले को दीर्घायु के साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इस एकादशी को लेकर ऐसी कथा मिलती है कि पांडवों में भीमसेन जिनके पेट में वृक नामक अग्नि होने से वह बिना भोजन के नहीं रह सकते थे, उन्होंने भी जब एकादशी के महत्व को जाना तो इस एकादशी का व्रत किया था, इसलिए इस एकादशी को भीमा एकादशी भी कहते हैं। पद्म पुराण में बताया गया है कि महर्षि वेदव्यासजी पांडवों को इस एकादशी के बारे में बताते हुए कहते हैं कि एकादशी के दिन जो भी दान, धर्म, हवन और पूजन किया जाता है उसका फल अक्षय होता है। इस दिन किए पुण्य के फल का मनुष्य अनेक-अनेक जन्मों में लाभ पाता है।

निर्जला एकादशी का व्रत जल के महत्व को दर्शाने वाला बताया गया है। यह व्रत ज्येष्ठ मास में पडऩे के कारण शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुओं का दान करना सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में तेज गर्मी पड़ती है और सूर्य अपनी पूर्ण गर्मी पर होता है। इसलिए निर्जला एकादशी पर गर्मी से राहत दिलाने वाली वस्तुओं का दान करना सबसे शुभ माना जाता है।

शास्त्रों में बताया जाता है कि इस दिन सुयोग्य ब्राह्मण को जूते दान देना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन जूते दान करने वाला व्यक्ति सोने के विमान में बैठकर स्वर्ग लोक को जाता है। इस व्रत में अन्न दान करने का, छाता दान करने का, बिस्तर दान करने और वस्त्र दान करने का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को परम पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन चने और गुड़ का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन जूते, छाता और पंखे का दान करना शुभ माना जाता है। आम और खरबूज दान करना परम पुण्यदायी होता है।

Comments