मंगल दोष से हो सकती है विवाह में देरी || Vaibhav Vyas


 मंगल दोष से हो सकती है विवाह में देरी

ज्योतिष शास्त्र में सभी 9 ग्रहों और 12 राशियों की विशेष भूमिका होती है। 9 ग्रहों और 12 राशियों की गणना के आधार पर किसी व्यक्ति के भविष्य के बारे में अध्ययन किया जाता है। कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में मंगल आकर बैठे हों तो वह व्यक्ति मांगलिक कहलाता है। कुंडली में मंगल दोष होने पर उसके विवाह में अड़चनें आती है। इसके अलावा व्यक्ति को ज्यादा गुस्सा आता है।

कुंडली में मंगल ग्रह के भारी होने पर जातकों पर मंगल ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है। कुंडली में मंगल का प्रभाव अधिक होने पर ऐसे लोगों में कामुकता ज्यादा होती है। मांगलिक व्यक्तियों में काम की इच्छा अधिक होने के कारण इनका विवाह मांगलिक से किया जाता है। मांगलिक का विवाह मांगलिक से करने पर यह एक दूसरे की इच्छा और साथ अच्छी तरह से निभाते हैं। मंगल ग्रह का प्रभाव ज्यादा होने से इन्हें बात-बात में जल्दी गुस्सा आता है। कार्य के प्रति काफी जुनूनी स्वभाव के होते हैं। मंगल दोष के प्रभाव से विवाह में देरी होती है, शादी टूट सकती है, यदि विवाह हो भी जाता है तो जीवनसाथी से तालमेल का अभाव रहता है।

मान्यता अनुसार मंगली लड़के या लड़की का विवाह मंगली लड़के या लड़की से ही किया जाता है। कहते हैं कि ऐसा नहीं किया जाता है तो दोनों की जिंदगी में संबंध खराब होते हैं और कई बार तलाक की नौबत तक भी आ जाती है। कुंडली के अनुसार लग्न, दूसरे, चतुर्थ, अष्टम और बारहवें भाव में है तो मंगली दोष या मांगलिक कुंडली मानी जाती है। परंतु कई बार यह भी देखा गया है कि अच्छे ग्रहों या मंगल की स्थिति के कारण यह मंगली दोष प्रभावी नहीं रहता है।

कुंडली के सातवें भाव में मंगल का होना अशुभ होता है। यहां मंगल की स्थिति पति और पत्नी के बीच अहम के टकराव, तनाव, झगड़ा, तलाक आदि का कारण बनती है।

मांगलिक दोष के उपाय- मंगल के प्रभाव को कम करने के लिए मांगलिक लोगों को भगवान शिव और हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए। विशेषकर ऐसे जातकों को प्रदोष व्रत और मंगलवार का व्रत करने से दोष के प्रभावों में न्यूनता आने वाली मानी गई है। मांगलिक दोष के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए किसी जानकार के माध्यम से मंगल का रत्न मूंगा धारण करना चाहिए। गेहूं, मसूर की दाल, तांबा, सोना, लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल चंदन, केसर, कस्तुरी, लाल बैल, भूमि आदि का दान करना चाहिए। मंगलवार को हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। पानी में लाल चंदन या थोड़ा सा कुंकुम पाउडर डालकर स्नान करें। मंगल यंत्र की स्थापना अपने घर में करें और रोज इसकी पूजा करें।

Comments