मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व || Vaibhav Vyas


 मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान की पूजा उपासना और विशेष कृपा पाने का दिन माना गया है। इस बार मंगलवार के दिन बन रहे विशेष योग पूजा-अर्चना में शीघ्र फलदायी माने गए हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ महीने में आने वाले मंगलवार का दिन और भी खास हो जाता है। ज्येष्ठ मंगलवार को बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। इस बड़े मंगल का महत्व काफी होता है। इस दिन पर बजरंगबली की विशेष पूजा की जाती है। इसी वजह से ज्येष्ठ महीने में पडऩे वाले मंगलवार के दिन रामभक्त हनुमानजी की पूजा और उपासना के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है और इस दिन की पूजा-उपासना का फल शीघ्र मिलने वाला माना जाता है।

पंचांग का ज्येष्ठ माह साल का तीसरा महीना माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह बीते 17 मई से आरंभ हो चुका है जो 14 जून तक चलेगा। ज्येष्ठ महीने में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे व्रत रखे जाते हैं। ये व्रत प्रकृति में जल को बचाने का संदेश देते हैं। गंगा दशहरा में नदियों की पूजा और निर्जला एकादशी में बिना जल का व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ माह में बड़ा मंगल का पर्व भी मनाया जाता है। इस बार ज्येष्ठ माह में 5 बड़े मंगल का शुभ संयोग बन रहा है।

इस बार ज्येष्ठ माह में 5 मंगलवार के अलावा एक और शुभ संयोग भी बन रहा है। इस वर्ष ज्येष्ठ महीने का शुभारंभ मंगलवार से शुरू हुआ है और इसका समापन 14 जून, मंगलवार को भी होगा। ज्येष्ठ मास के 5 बड़े मंगल की तारीख -17 मई (शिव योग), 24 मई (विश्कुम्भ योग), 31 मई (धृति योग),  7 जून (वज्र योग) और 14 जून (साघ्य योग) रहने वाली है।

हिंदू धर्म में भगवान हनुमान की पूजा उपासना का विशेष और खास महत्व होता है। मान्यता है हनुमान जी अपने भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी से पूरा कर देते हैं। मंगलवार के दिन हनुमानजी पूजा करने का विधान होता है लेकिन ज्येष्ठ माह में पडऩे वाले सभी मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बड़े मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा करने पर सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पहली बार हनुमानजी और प्रभु श्रीराम ज्येष्ठ के महीने में मंगलवार के दिन  मिले थे, इसीलिए इसे बड़ा मंगलवार कहा जाता है।

हर वर्ष ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन को बड़ा मंगल कहा जाता है। इसके अलावा इस दिन को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है। जब पहली बार भगवान राम और हनुमान जी की मुलाकात हुई तब ज्येष्ठ माह का मंगलवार का दिन था, इसलिए इसे बड़ा मंगल कहा जाता है। इसके अलावा एक अन्य कथा भी है महाभारत काल में जब भीम को अपने बल पर बहुत घमंड हो गया था, तब हनुमान जी बूढ़े वानर का रूप धारण कर भीम के घमंड को तोड़ा था। इसी कारण से ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बुढ़वा मंगल के नाम से भी कहा जाता है और इस दिन विधिवत हनुमानजी की पूजा आराधना की जाती है।

इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा-उपासना करने के साथ ही साथ हनुमान जी से जुड़े उपायों को करने से उनका फल शीघ्र मिलने वाला होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मंगलवार के दिन हनुमान जी की विधिवत पूजा-आराधना के साथ गुड़, चना का भोग लगाएं और आरती करनी चाहिए। इस दिन किसी हनुमान मंदिर में ध्वजा चढ़ाने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होने वाली रहती है। मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करना श्रेयष्कर रहता है।

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