अमावस्या पर बने रहे विशेष संयोग || Vaibhav Vyas


 अमावस्या पर बने रहे विशेष संयोग

ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या इस बार सोमवार को है। सोमवार को पडऩे वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। अमावस्या तिथि 30 मई को शाम 5 बजे तक रहेगी। 30 मई की रात 11 बजकर 38 मिनट तक सुकर्मा योग रहेगा। साथ ही इस दिन सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक कृत्तिका नक्षत्र रहेगा, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र लग जायेगा। इसके अलावा अमावस्या के दिन स्नान-दान-श्राद्धादि की अमावस्या और वट सावित्री व्रत तीसरा और आखरी दिन है। सोमवती अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय करने से अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है।

घर में कोई सदस्य बीमार चल रहा है या फिर आप खुद बीमार हैं तो सोमवती अमावस्या के दिन स्नान आदि के बाद बीमार व्यक्ति के पहने हुए कपड़े से एक धागा निकालें और उस धागे को रूई के साथ लपेटकर उसकी बत्ती बना लें। अब एक मिट्टी के दिये में सरसों का तेल डालकर, वह बाती लगा दें और हनुमान जी के मन्दिर के बाहर वह दीपक जला दें। 

अगर आप बेरोजगारी की समस्या से परेशान हैं या आपको लगता है कि आपका कोई सीनियर आपके प्रमोशन में बाधा बन रहा है, तो इस दिन शाम के समय एक नींबू लेकर, उसके चार अलग-अलग टुकड़े कर दें और किसी चौराहे पर जाकर चुपचाप चारों दिशाओं में एक-एक नींबू का टुकड़ा फेंक दें।

अगर आपकी कोई खास इच्छा है, जो बहुत समय से पूरी नहीं हो पा रही है तो एक नारियल लेकर उसे देवी मां का नाम लेकर तोड़ दें। अन्दर से प्राप्त गिरी के 42 टुकड़े करें। 3 टुकड़े भगवान शंकर को चढ़ायें, नौ टुकड़ें छोटी कन्याओं को बांट दें। दो टुकड़े दर्जी को, दो टुकड़े माली को, दो टुकड़े कुम्हार को प्रसाद के रूप में बांट दें और चार टुकड़े अपने लिये रख कर शेष बीस टुकड़े मन्दिर में चढ़ा दें या प्रसाद के रूप में बांट दें।

अपने करियर को एक नई दिशा देने के लिये इस दिन एक पानी वाला नारियल लें और उस पर लाल रंग का धागा सात बार लपेटकर अपने ईष्ट देव का ध्यान करते हुए बहते पानी में प्रवाहित कर दें।

अपने परिवार से सारी परेशानियों को मिटाने के लिये और खुशियों को बरकरार रखने के लिये इस दिन 5 लाल फूल और 5 तेल के दीपक जलाकर बहते पानी में प्रवाहित कर दें । अगर ये उपाय आप शाम को दिन छिपने के बाद करें, तो और भी अच्छा है। बाकी आप अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं।

अगर खूब मेहनत के बावजूद भी आपको पैसों के मामले में सफलता प्राप्त नहीं हो रही है, तो इस दिन आपको स्नान आदि के बाद विधि-पूर्वक धूप-दीप आदि से देवी मां की पूजा करनी चाहिए और उसके बाद देवी मां का ध्यान करते हुए चावल से हवन करना चाहिए

पितृ दोष को दूर करने के उपाय- सबसे पहले आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करें. उसके बाद सूर्य भगवान को जल अर्पण करें। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन जरूर करवाएं. साथ ही जरूरतमंद को दान देना लाभदायक है।

सोमवती अमावस्या के दिन स्नान करके पिंडदान किया जाता है। ऐसा करने से पित्तर खुश होते हैं।

सोमवती अमावस्या के दिन छाता, खड़ाऊ, खीरा, ककड़ी, पंखा आदि गर्मी से बचने वाली चीजों को दान किया जाता है. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। सोमवती अमावस्या के दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इसमें बरगद के पेड़ की पूजा करने से त्रिदेवों का आशीर्वाद मिलता है। त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश. साथ ही पितृदोष से भी मुक्ति मिल सकती है।

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