शिवजी की पूजा-अर्चना से होंगी मनोकामनाएं पूर्ण || Vaibhav Vyas


 शिवजी की पूजा-अर्चना से होंगी मनोकामनाएं पूर्ण

हिंदू धर्म में भगवान शिव ही एकमात्र ऐसे देव हैं, जो भक्तों की पूजा-पाठ से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं। सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे पावन दिन है। भगवान भोलेनाथ बहुत ही दयालु और कृपालु है, वो मात्र शिवलिंग पर जल अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भोलेनाथ को आदि और अनंत माना गया है, जो धरती से लेकर आकाश और जल से लेकर अग्नि हर तत्व में विराजमान है। हर व्यक्ति भगवान शिव के मंत्रों का जाप कर और उनकी उपासना द्वारा अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करवा सकता है। मान्यताओं के अनुसार अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए भगवान शिव के अलग-अलग स्वरूप की पूजा-आराधना करनी चाहिए।

अकाल मृत्यु के भय को दूर करने के लिए भगवान शिव के कैलाशनाथ स्वरूप का पूजन करें। इसके लिए मंदिर में एक नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करें। भोलेशंकर को फल, फूल और मिष्ठान्न अर्पित करें। भगवान शिव का पंचोपचार पूजन करें। ऊँ नमो भगवते रागरुद्राय स्वाहा मंत्र का जाप हरे रंग के कंबल के आसन पर बैठकर करें। जाप के दौरान मुख उत्तर दिशा की ओर रखें और 17 माला का मंत्र जाप करें। जाप करने के बाद भोलेशंकर को फलों का प्रसाद अर्पित करें। शिव आरती और स्तुति वंदन अवश्य करें।

कर्ज से मुक्ति या आर्थिक तंगी से निपटने के लिए भगवान शिव के नंदी आरूढ़ चित्र का पूजन करें। मंदिर में एक संगमरमर का शिवलिंग स्थापित करें। फल-फूल और मिष्ठान्न भगवान शिव को अर्पित करें और भगवान शिव का पंचोपचार पूजन करें। ऊँ नमो भगवते गंगरुद्राय स्वाहा, मंत्र का जाप लाल कम्बल के आसन पर बैठकर करें। इस दौरान मुख पूर्व दिशा की ओर कर 19 माला का मंत्र जाप करें। जाप के बाद मेवे का प्रसाद भोलेनाथ को अर्पित करें। आरती और स्तुति वंदन करें।

विद्या और बुद्धि प्राप्ति के लिए भगवान शिव के योगेश्वर स्वरूप का पूजन करें। मंदिर में मिट्टी का शिवलिंग स्थापित कर पंचोपचार पूजन करें। ऊँ नमो भगवते व्याघ्ररुद्राय स्वाहा मंत्र का जाप नीले रंग के कम्बल के आसन पर बैठकर करें। उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें और 11 माला का मंत्र जाप करें।  जाप पूरा होने के बाद शिव जी को बिल्व पत्र और बिल्व फल अर्पित करें। आखिर में आरती और स्तुति वंदन करें। 

भाग्योदय के लिए पूजा स्थल पर एक स्फटिक शिवलिंग स्थापित करें। फल-फूल और मिष्ठान्न एक थाली में रखकर अर्पित करें और भगवन शिव का पंचोपचार पूजन करें। ऊँ नमो भगवते व्योमरुद्राय स्वाहा मंत्र का जाप लाल कंबल के आसन पर बैठकर करें। ध्यान रखे मंत्र जाप के समय माला को ढक कर रखें और हृदय के निकट रखें। जाप के समय मुख उत्तर दिशा की ओर रखें और मंत्र का 7 माला जाप करें। मंत्र जाप के बाद शिव जी को खीर का प्रसाद अर्पित करें। आरती और स्तुति वंदन करें।

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