शक्तिशाली मंत्र है ऊँ नम: शिवाय || Vaibhav Vyas


 शक्तिशाली मंत्र है ऊँ नम: शिवाय

भगवान भोलेनाथ भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाले माने जाते हैं। ऐसे में समस्याओं का समाधान नहीं मिल रहा हो या फिर शारीरिक कष्टों से परेशानी हो तो भोलेनाथ की शरण में जाने से शीघ्र ही समस्याओं और बीमारी से मुक्ति मिलने वाली होती है। भोलेनाथ सारे कष्टों को हर लेंगे। इसके लिए सुबह-सवेरे नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी भी शिव मंदिर में जाएं। वहां शिवलिंग पर सबसे पहले जल चढ़ाएं। इसके बाद भांग मिला हुआ कच्चा दूध चढ़ाएं। फिर गन्ने का रस चढ़ाएं साथ ही ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करते रहें। मंत्र का उच्चारण आप अपनी श्रद्धानुसार 11, 21, 51 या फिर 108 बार कर सकते हैं।

हिंदू धर्म के अनुसार ऊँ नम: शिवाय मंत्र आत्मा की शुद्धि, तनाव और मुक्ति का एक आसान मंत्र है। मंत्रों के जप करने या सुनने से एक कंपन्न उत्पन्न होता है, जो जीवन को पॉजिटिविटी देता है। ऊँ नम: शिवाय पंचाक्षर कहलाते हैं और ये पंच तत्वों का प्रतीक माने जाते हैं। ऊँ नम: शिवाय के ये पांच तत्व के स्वामी भगवान शिव है। कहते हैं कि ऊँ ब्रह्मांड की ध्वनि है। इसका अर्थ है ऊँ का अर्थ शांति और प्रेम है और पंचतत्वों के सामंजस्य के लिए ऊँ नम: शिवाय का जप किया जाता है। मान्यता है कि इसके जप से व्यक्ति अपने पंचतत्वों को नियंत्रित कर पाता है। ऊँ नम: शिवाय में मन को शांत करने का प्रभाव होता है। इसलिए ध्यान के लिए इसका जप करना एक अच्छा तरीका है और इसी वजह से वैदिक काल में ऋषि मुनि इस मन्त्र का लगातार जप करते रहते थे।

ऊँ को ब्रह्मांड की पहली आवाज माना जाता है। इस मंत्र का जप से शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक शांति प्राप्त होती है। इससे शरीर में नई चेतना और ऊर्जा का विकास होता है और मन मस्तिष्क पर पॉजीटिव प्रभाव पड़ता है।

ऊं नम: शिवाय मंत्र के जप के बाद 'रूप देहि जयं देहि भाग्यं देहि महेश्वर:। पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान्कामांŸच देहि मे।।Ó मंत्र का जप करें। साथ ही शिवलिंग पर पुन: जल चढ़ाएं। इसके बाद फूल, अक्षत, धतूरा, आंकड़े का फूल और बेल पत्र चढ़ाएं फिर धूपबत्ती और दीपक जलाएं। इसके बाद भोलेनाथ की आरती पढ़ें। आरती के बाद 'कपूर्रगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेंद्रहारं। सदा वसंत हृदयाविंदे भंव भवानी सहितं नमामि।।Ó को पांच बार पाठ करें। अंत में भोले भंडारी से प्रार्थना करें कि वह आपके समस्त कष्टों को दूर करें और सुख-समृद्धि का वरदान दें। पूजा में जितनी निश्चछता होगी परिणाम उतना ही सुगम मिलने वाला होगा।

- मान्यता है कि इस मंत्र का उच्चारण करने से हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं।

- इस मंत्र जप से काम, क्रोध, घृणा, मोह, लोभ, भय, विषाद आदि सब खत्म हो जाता है।

- ऊँ नम: शिवाय का मंत्र जप से व्यक्ति में साहस और उत्साह पैदा होता है। इतना ही नहीं, निरंतर जप से मृत्यु के भय को भी जीता जा सकता है।

- इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति जीवन चक्र का रहस्य समझ पाता है. साथ ही, मोक्ष प्राप्ति के  लिए भी इस मंत्र का जप किया जाता है। ऊँ शब्द में ही त्रिदेवों का वास माना गया है।

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