वैशाख मास में भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दौरान भगवान विष्णु की माधव नाम से पूजा की जाती है क्योंकि वैशाख मास का एक नाम माधव मास भी है। इसी वजह से इस माह के दौरान ऊँ माधवाय नम: मंत्र का जाप शीघ्र फलदायी माना गया है। इस मंत्र की नित्य नियम से रोज की एक माला का जाप किया जाए तो उसका कई गुना फल प्राप्त होने वाला माना गया है।
वैशाख मास के दौरान किये जाने वाले कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण है- तुलसीपत्र से श्री विष्णु पूजा। इस माह में तुलसी की पत्तियों से भगवान विष्णु का पूजन किया जाना चाहिए। इससे व्यक्ति को करियर में तरक्की के साथ ही अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है। इसके अलावा उस व्यक्ति के घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
तुलसी पूजन के साथ ही इस दौरान घर आंगन में तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ होता है। इस दौरान घर, मन्दिर या कार्यस्थल पर तुलसी का पौधा लगाने से और उचित प्रकार से पौधे की देखभाल करने से व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित होती है, जिससे जीवन में उत्तरोत्तर आगे बढ़ते जायेंगे।
वैशाख या माधवमास के दौरान जप, तप, हवन के अलावा स्नान और दान का भी विशेष महत्व है। इस दौरान जो व्यक्ति श्रद्धाभाव से जप, तप, हवन, स्नान, दान आदि शुभकार्य करता है, उसका अक्षयफल उस व्यक्ति को प्राप्त होता है। जिस प्रकार कार्तिक मास के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार वैशाख मास के दौरान भी सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है, यानी उसे जीवन में तरक्की ही तरक्की मिलती है।
वैशाख मास के दौरान घट दान, यानी मिट्टी का घड़ा दान करने का भी विधान है। इस दौरान अगर आप किसी मन्दिर में, बाग-बगीचे में, स्कूल में या किसी सार्वजनिक स्थान पर पानी से भरा मिट्टी का घड़ा रखेंगे, तो बहुत ही पुण्य फल प्राप्त होंगे। इससे आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी। साथ ही पशु-पक्षियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था भी घर की छत या किसी मंदिर अथवा बाग-बगीचे में करने से मानसिक संतुष्टि मिलने वाली रहती है।
वैशाख मास में जहां पूजा-पाठ और धार्मिक आयोजनों का महत्व रहता है, वहीं इस मास में कुछ उपायों को करने से ग्रहों की शांति और जीवन में चल रही समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है। वैशाख मास में पूजा-पाठ के पश्चात अपनी सामथ्र्य के अनुसार किसी जरूरतमंद व्यक्तियों को अन्न आदि का दान करें। शनि की साढ़ेसाती या अन्य दशा चल रही हो तो शनि देव को प्रसन्न करने के लिए वैशाख मास में पडऩे वाले शनिवार के दिन काला छाता दान करना चाहिए। जरूरतमंदों को जूते-चप्पल पहनाने चाहिए। दिव्यांगजनों को सेवा और यथा संभव सहयोग करना चाहिए।
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