बिगड़े काम बन जाते हैं पूर्णिमा के व्रत से || Vaibhav Vyas


 बिगड़े काम बन जाते हैं पूर्णिमा के व्रत से

पंचांग के अनुसार हर माह का अंतिम दिन पूर्णिमा होता है और पूर्णिमा के बाद नए माह की शुरुआत होती है। चैत्र माह की पूर्णिमा इस बार 16 अप्रैल के दिन मनाई जाएगी। चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है। चैत्र पूर्णिमा हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल की पहली पूर्णिमा होती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। पूर्णिमा तिथि 16 अप्रैल, शनिवार तड़के 2 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 17 अप्रैल सुबह 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगी।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जो व्यक्ति चैत्र माह में पडऩे वाली पूर्णिमा के दिन भगवान श्री विष्णु हरि और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं उनके सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। साथ ही, यश ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में उल्लेख है कि इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने से भी कई गुना फल की प्राप्ति होती है। वहीं, पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का भी विशेष महत्व रहता है। इस दिन किसी नदी-सरोवर में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके गरीबों को सामथ्र्य अनुसार दान-दक्षिणा देने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। इस दिन रात्रि को चन्द्रमा को अघ्र्य भी अर्पित करना चाहिए।

चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें और भगवान विष्णु का स्मरण करें। इसके बाद भगवान के सम्मुख खड़े होकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद श्री हरि की मां लक्ष्मी के साथ पूजा करें। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम, स्तोत्र आदि के साथ ही साथ कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना गया है। अंत में आरती करें और अपनी भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करनी चाहिए।

मान्यता है कि चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी जन्मे थे। हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा करना शुभ माना गया है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय किए जाएं तो उसके परिणाम शीघ्र और शुभ मिलने वाले रहते हैं। पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने और दांपत्य जीवन में मधुरता लाने के लिए पूर्णिमा के दिन व्रत करने के साथ चंद्रोदय होने के बाद दोनों पति-पत्नी को संयुक्त रूप से गाय के दूध से चंद्रमा को अघ्र्य देना चाहिए. इससे दांपत्य जीवन सुखमय रहता है।

पूर्णिमा के दिन अपने घर, दुकान या प्रतिष्ठान में कुबेर यंत्र, पारद का श्रीयंत्र, स्फटिक का श्रीयंत्र या लक्ष्मी यंत्र स्थापित करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं।

बार-बार कर्ज लेने की नौबत आ रही है। पैसों की आवक पूरी तरह रुक गई है या कम हो गई है तो पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का रूद्राभिषेक करवाना चाहिए।

पूर्णिमा के दिन सवा लीटर दूध लेकर किसी कुएं के समीप जाएं और एक-एक चम्मच उसमें डालते हुए अपनी समस्याएं दूर करने का उच्चारण मन ही मन करते जाएं, संकट शीघ्र दूर होगा।

लाल-पीले धागे में लाल फूल को पिरोकर एक माला बनाएं और भगवान विष्णु को चढ़ाएं. पूर्णिमा के दिन ऐसा करने से मनचाही इच्छा जल्द ही पूरी होगी।

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