कामदा एकादशी व्रत से होंगी मनोकामनाएं पूर्ण || Vaibhav Vyas


 कामदा एकादशी व्रत से होंगी मनोकामनाएं पूर्ण

हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी कहा जाता है। कामदा एकादशी हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी होती है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इसके साथ ही व्रत कथा का पाठ करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कामदा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार की कामनाएं पूरी हो जाती हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है  कि एकादशी व्रत पापों से मुक्ति के लिए बेहद जरूरी होती है।

पुराणों में भी कहा गया है कि एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है। जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है। जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है। एकादशी करने वालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवार वालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं। इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है। धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है। कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है।

कामदा एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 5 बजकर 59 मिनट से सुबह 08 बजकर 35 मिनट तक है। इसी अवधि में रवि योग भी है। कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में करने पर यह शीघ्र ही फलदायी है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु को फल, फूल, दूध, तिल, पंचामृत अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही एकादशी व्रत की कथा अवश्य सुननी चाहिए। इसके अलावा रात में भगवान विष्णु की आराधना करें और द्वादशी के दिन ब्राह्मण या किसी गरीब को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा देनी चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार, कामदा एकादशी व्रत के प्रभाव से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन जो लोग श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा इस व्रत को करने से काम, क्रोध, लोभ और मोह जैसे पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को बैकुंठ में स्थान प्राप्त होता है।

एकादशी के दिन पूजा स्थान में दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें, विष्णु सहस्त्र नाम पाठ संभव नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें। अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे।

महीने में 15-15 दिन में  एकादशी आती है। एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है। मान्यताओं के अनुसार लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको इस दिन चावल का त्याग करना चाहिए।

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