श्रीकृष्ण के मंत्र जाप से शुभ फलों की प्राप्ति || Vaibhav Vyas


 श्रीकृष्ण के मंत्र जाप से शुभ फलों की प्राप्ति

हिंदू मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाने हैं। मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण लीलाएं जग जाहिर है ही साथ ही श्री कृष्ण द्वारा कई राक्षसों का वध करने से लेकर गीता में दिए गए उपदेशों तक कई ऐसे कार्य किए जो भक्तों के लिए आज भी संदेश का काम करती हैं। उनके संदेशों को जीवन में अपना लिया जाए तो बड़ी से बड़ी बाधाओं से पार पाया जा सकता है। इसके अलावा इनकी विधि-विधान से पूजा या फिर श्रीकृष्ण के मंत्रों का सही उच्चारण भी शुभ फल प्रदान करता है। श्रीकृष्ण से जुड़े कुछ ऐसे मंत्र बताने जा रहे हैं जो जीवन की हर समस्याओं का निवारण करने में सक्षम माने जाते हैं। ऐसे ही धन-सम्पति, ऐश्वर्य और ज्ञान की प्राप्ति से लेकर मोक्ष के मार्ग तक पहुंचा जा सकता है।

कृं कृष्णाय नम:- यह श्रीकृष्ण का बताया मूलमंत्र है जिसका जाप करने से व्यक्ति को अटका हुआ धन प्राप्त होता है। आप इस मंत्र का उच्चारण अपने दैनिक जीवन में कर सकते हैं। ऊँ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात- श्रीकृष्ण के इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन और मन से सभी दुख दूर हो जाते हैं। पूरे विश्व में प्रसिद्ध मंत्र हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे- यह 16 शब्दों का वैष्णव मंत्र है जो भगवान कृष्ण का सबसे प्रसिद्ध मंत्र है। इस दिव्य मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो जाता है और जीवन में आने वाली बाधाओं का स्वत: ही निवारण होने लगता है। ऊं श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा- यह कोई साधारण मंत्र नहीं बल्कि श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। अन्य मंत्र शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार 108 बार जाप करने से ही सिद्ध हो जाते हैं लेकिन इस महामंत्र का पांच लाख जाप करने से ही सिद्ध हो पाता है।

ओम क्लीम कृष्णाय नम:- इस मंत्र का जाप करने से मनुष्य को सफलता और वैभव की प्राप्ति होती है, लेकिन इसे नियम-कायदों के साथ जपना चाहिए। अगर आप किसी भी समस्या में हैं तो इस मंत्र का उपयोग कर सकते हैं। श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा- इस मंत्र के उच्चारण से श्रीकृष्ण की कृपा व्यक्ति पर बनी रहती है। गोकुल नाथाय नम:- इस आठ अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र का जाप जो भी भक्त करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

पूजा-आराधना हो या मंत्र जाप उसकी पूर्णता और फल प्राप्ति के लिए नित्य नियमितता का होना जरूरी है, तब ही उसका फल प्राप्त होने वाला रहता है। पूर्ण भक्ति भाव से केवल कृष्ण-कृष्ण का ही हर समय जाप करते रहने से मन की संतुष्टि और मन की प्रफुल्लिता बनी रहती है और श्रीकृष्ण की कृपा से उसके बिगड़े काम सुधरने लगते हैं।

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