होली पर भगवान शिव की पूजा शीघ्र फलदायी || Vaibhav Vyas


 होली पर भगवान शिव की पूजा शीघ्र फलदायी

भगवान शिव की पूजा अत्यंत सरल मानी जाती है। भगवान शिव ऐसे देवता हैं जो बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। सिर्फ एक मात्र लोटा जल अर्पित करने से ही भगवान शिव की  कृपा पाई जा सकती है। वैसे तो महादेव को प्रसन्न करने के लिए किसी भी दिन उनकी पूजा की जा सकती है, लेकिन प्रदोष व्रत और सोमवार और किसी भी पर्व-त्यौहार के दिन की पूजा शीघ्र फलदायी मानी गई है। मान्यताओं के अनुसार होली की कथा से भगवान शिव और पार्वती के साथ भी जुड़ी हुई है। इसलिए होली के दिन भगवान शिव की पूजा भी की जाती है। कहा जाता है कि भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों की कई मुरादें पूरी करते हैं। कहते हैं इस दिन जल्दी विवाह के लिए भी कुछ उपाय किए जाते हैं। कहते हैं कि इस दिन शिवलिंग के दर्शन कर पूजा की जाती है।

माना जाता है कि होली की रात को मंदिर में जाकर शिवलिंग के पास दीपक जलाना चाहिए। शिवलिंग के पास दीपक जलाने से भोले शंकर अपने भक्तों की हर समस्याओं का निवारण कर देते हैं।  जिन युवक और युवतियों का विवाह नहीं हो रहा हो वो होली के दिन पान, सुपारी और हल्दी की गांठ भोले शंकर के शिवलिंग पर चढ़ानी चाहिए। मान्यता है कि इन दिनों शिव की अराधना करने से भोलेशंकर की विशेष कृपा पाई जा सकती है।

मान्यता है कि शिव पूजा में गाय के दूध का विशेष महत्व है। अगर कोई भक्त रोग-शोक से पीडि़त है तो उससे मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव को गाय का कच्चा दूध चढ़ाएं, फिर शुद्ध जल चढ़ाए जिससे अच्छी सेहत का वरदान प्राप्त होता है। भगवान शिव की पूजा में गंगाजल का विशेष महत्व है। भगवान शिव ने मोक्षदायिनी गंगा को अपनी जटाओं में आश्रय दे रखा है। मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव को मात्र गंगाजल चढ़ाने मात्र से ही जीवन से जुड़े सारे दोष दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

अगर आप शनि संबंधी दोष से पीडि़त हैं और शनि ढैय्या या फिर साढ़ेसाती चल रही है तो भगवान शिव की विधि-विधान से साधना करने पर शीघ्र ही शनि दोष से मुक्ति मिलती है। हमेशा ज्ञात या अज्ञात शत्रुओं से खतरा बना रहता है, तो इस भय को दूर करने के लिए शिव की साधना विशेष रूप से करनी चाहिए। शत्रुओं पर विजय पाने और उनसे जुड़े भय को दूर करने के लिए शिव की पूजा में महामृत्युंजय का मंत्र रुद्राक्ष की माला से जपना चाहिए।

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