होली पर बन रहे विशेष योग में पूजा-पाठ से शीघ्र लाभ || Vaibhav Vyas


 होली पर बन रहे विशेष योग में पूजा-पाठ से शीघ्र लाभ

होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा और प्रतिपदा को मिलाकर मनाया जाता है। पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है और उसके अगले दिन यानी प्रतिपदा को रंगों के साथ होली का त्योहार मनाया जाता है। होली के मौके बन रहे शुभ योग में धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ करना शीघ्र फलदायी रहता है। इन शुभ योग के बीच ऐसा माना जा रहा है कि धार्मिक कार्यों को करने और दान-पुण्य करने से आपको शुभ फल प्राप्त होंगे और आपकी ग्रहदशा भी सुधरेगी। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पूजा-पाठ के साथ-साथ दान-पुण्य किया जाए तो पुण्य फलों की प्राप्ति होती है और घर परिवार पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।

होली खेलने के बाद आप गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें, उनको रंग, वस्त्र और भोजन दें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और इसको आदत में भी डाल लें। शनिदेव गरीबों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जो गरीबों का अपमान करता है, उस पर शनिदेव की कभी कृपा नहीं रहती है।

माता-पिता को उपहार देना चाहिए। होली खेलने के बाद आप गुरु को दान और माता-पिता को उपहार दें, ऐसा करने से देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं। गुरु बृहस्पति सुख-समृद्धि और धन-वैभव के देवता माने जाते हैं। इससे घर में समृद्धि भी बढ़ जाती है।

होली खेलने के बाद गाय की सेवा करें और उनको हरा चरा खिलाएं। ऐसा करने से आपको सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं। इससे आपके घर में सुख-शांति का वास होगा। 

मीठी वस्तुओं का दान भी करना चाहिए। होली खेलने के बाद आप गरीबों और जरूरतमंदों को माल पुआ का दान करें। इस दिन माल पुआ के दान का महान फल मिलता है। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता भी अच्छी होती है।

अगर संभव हो तो होली के दिन आप स्वर्ण यानी सोने का दान दे सकते हैं। स्वर्ण दान महादान माना गया है। ऐसा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सोने के दान से लंबी आयु भी प्राप्त होती है।

मान्यताओं के अनुसार होली के दिन रुपये-पैसों का दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन किसी जरूरतमंद को या किसी मंदिर में रुपये-पैसे चढ़ाने से उसके फलों में कई गुना वृद्धि होने वाली रहती है। इस दिन किसी ब्राह्मण या गरीब को खाना खिलाने के बाद दक्षिणा के रूप में रुपये-पैसे देने से भी घर परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

होली त्यौहार के समय में दान-पुण्य का भी बड़ा महत्व होता हैं। दान-पुण्य से व्यक्ति के जीवन की कई समस्याओं का निजात हो जाता हैं और व्यक्ति को आत्मिक शांति प्राप्त होती हैं। लेकिन दान करते समय कुछ चीजों का ध्यान रखने की भी आवश्यकता होती हैं। क्योंकि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिसका दान करना श्रेयष्कर नहीं माना गया है। इसके लिए इस दिन पुराने कपड़े, पुराने कॉपी-किताब या फटे हुए ग्रंथों या फिर उपयोग में लिया गया तेल किसी अन्य को दान नहीं करना चाहिए।

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