शनिदेव की पूजा से होगी धन-धान्य में वृद्धि || Vaibhav Vyas


 शनिदेव की पूजा से होगी धन-धान्य में वृद्धि

धर्म व न्याय के प्रतीक शनिदेव को ही सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है। मान्यता है कि धर्मराज होने की वजह से प्राय: शनि पापी व्यक्तियों के लिए दुख और कष्टकारक होता है, लेकिन ईमानदारों के लिए यह यश, धन, पद और सम्मान का ग्रह है। शनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। ऐसा माना जाता है कि शनि अनिष्टकारक, अशुभ और दु:ख प्रदाता है, पर वास्तव में ऐसा नहीं है। मानव जीवन में शनि के सकारात्मक प्रभाव भी बहुत है। शनि संतुलन व न्याय के ग्रह हैं। यह सूर्य के पुत्र माने जाते हैं। यह नीले रंग के ग्रह हैं, जिससे नीले रंग की किरणें पृथ्वी पर निरंतर पड़ती रहती हैं।

यह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। इसलिए यह एक राशि का भ्रमण करने में ढाई वर्ष और 12 राशियों का भ्रमण करने पर लगभग 30 वर्ष का समय लगाता है। न्याय के देवता शनिदेव को खुश करना कोई आसान काम नहीं है। ऐसे में यदि कोई इन्हें खुश कर लेता है तो उसे करियर में सफलता तो मिलती ही है साथ ही धन-धान्य की भी वृद्धि होती हैं।

सूर्य पुत्र शनि अपने पिता सूर्य से अत्यधिक दूरी के कारण प्रकाशहीन है। इसलिए इसे अंधकारमयी, विद्याहीन, भावहीन, उत्साह हीन, नीच, निर्दयी, अभावग्रस्त माना जाता है। फिर भी विशेष परिस्थितियों में यह अर्थ, धर्म, कर्म और न्याय का प्रतीक है। इसके अलावा शनि ही सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है। शनि प्राय: किसी को क्षति नहीं पहुंचाता, लेकिन अति की स्थिति में अनेक ऐसे सरल तरीके हैं, जिनका प्रयोग कर हम लाभ उठा सकते हैं। जिनका प्रयोग कर हम शनि की स्थिति को शांति कर सकते हैं और जीवन में दुख दूर कर कामयाबी की ओर बढ़ सकते हैं।

शनि देव की पूजा के लिए कड़ी अराधना करनी होती है। खासकर शनि की साढ़ेसाती से परेशान लोगों को शनिदेव की पूजा पूरे विधि विधान से करनी चाहिए। इनकी पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान करना चाहिए।

1.शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें।

2.शनिदेव को तेल चढ़ाना चाहिए लेकिन इस बाद का ध्यान रखना चाहिए कि तेल इधर-उधर गिरे न। तेल को सावधानी से इस्तेमाल करें।

3.शनिवार को काला तिल और गुड़ चीटों को खिलाएं। इसके अलावा शनिवार के दिन चमड़े के जूते चप्पल दान करना भी अच्छा रहता है।

4.शनिदेव की पूजा मूर्ति के सामने खड़ें न हों। शनि के उस मंदिर में जाएं, जहां शनि शिला के रूप में हों। इस दिन सात्विक आहार लें।

5.शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल और शमी के पेड़ की पूजा करें। इसके अलावा शनि के सामनें तेल का दीपक जलाएं।

6.शनि की पूजा करने वालों का दूसरों के प्रति व्यवहार अच्छा होना चाहिए। इन लोगों को गरीबों, दीन दुखियों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।

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