संकट चौथ का व्रत दिलाता संकटों से मुक्ति || Vaibhav Vyas


 संकट चौथ का व्रत दिलाता संकटों से मुक्ति

संकट चौथ का व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है। इस साल संकट चौथ 21 जनवरी के दिन मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा और व्रत किया जाता है। मान्यता है कि सकट चौथ का व्रत रखने से संतान और परिवार सुरक्षित रहता है। इतना ही नहीं, सकट चौथ के व्रत से जीवन में आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। 

विघ्नहर्ता गणेश जी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में किसी कार्य में कोई बाधा नहीं आती और सुख-समृद्धि का वास होता है। संकट चौथ को संकटा चौथ, संकष्टी चतुर्थी, माघी चौथ, तिलकुटा चौथ और लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार सकट चौथ को संकटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है। विघ्नहर्ता गणेश जी भक्तों के सभी संकट दूर करते हैं इसलिए इसे संकटा चौथ के नाम से जाना जाता है।

लंबोदर संकष्टी चतुर्थी- दोनों पक्षों की चतुर्थी गणेश जी को समर्पित होती है। हर माह की चतुर्थी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को लंबोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं।

माघी चौथ- माघ मास में पडऩे वाली चतुर्थी को माघी चौथ के नाम से भी जाना जाता है। चौथ के दिन भगवान गणेश जी की पूजा उपासना की जाती है और जीवन से सारी बाधाएं दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

तिलकुटा चौथ- धार्मिक दृष्टि से संकट चौथ के दिन गणेश जी की पूजा के बाद उन्हें तिल से बने खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जाता है, इसी कारण इसे तिलकुटा चौथ, तिलकुट चतुर्थी और तिल चौथ आदि के नाम से भी जानते हैं।

ग्रंथों के अनुसार सभी संकष्टी चतुर्थी व्रतों में सकट चौथ या संकटा चौथ सबसे महत्वपूर्ण है। इस दिन व्रत रखने से  सुख, सौभाग्य की प्राप्ति होती है और इस दिन व्रत रखने से सभी संकटों का नाश होता है। इसलिए इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। कहते हैं कि सकट चौथ का व्रत रखने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और वे बिना किसी बाधा के लोगों के सभी कार्य सफल करने का आशीर्वाद देते हैं।

Comments