पूर्णिमा पर नदियों में स्नान-दान का विशेष महत्व || Vaibhav Vyas


 पूर्णिमा पर नदियों में स्नान-दान का विशेष महत्व

शास्त्रों में पौष मास की पूर्णिमा का विशेष महात्म्य कहा गया है। इसके अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान, दान और सूर्य को अघ्र्य देने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से तन, मन और आत्मा तीनों नए हो जाते हैं। इसीलिए इस दिन संगम तट पर स्नान के करना विशेष फलदायी रहता है। पौष का महीना सूर्य देव का महीना माना जाता है। पूर्णिमा की तिथि चन्द्रमा के अनुसार होती है, सूर्य-चन्द्रमा का यह अद्भुत संयोग केवल पौष पूर्णिमा को ही मिलता है। इस दिन सूर्य और चन्द्रमा दोनों की उपासना से मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ इस दिन ग्रहों की बाधा शांत होती है और मोक्ष का वरदान भी मिलता है।

सामान्यत: पूर्णिमा के दिन चावल का दान करना शुभ होता है। चावल का संबंध चंद्रमा से होता है और पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से चंद्रमा की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर कुश हाथ में लेकर स्नान करना चाहिए। हर पूनम की तरह पौष पूर्णिमा पर भी पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें। प्रत्येक पूर्णिमा की तरह पौष पूनम पर भी पति-पत्नी चन्द्रमा को दूध का अघ्र्य अवश्य ही दें। इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है। पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर ऊँ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमसे नम: अथवा ऊँ ऐं क्लीं सोमाय नम: मंत्र का जप करते हुए अघ्र्य देना चाहिए। इससे धीरे-धीरे आर्थिक समस्या खत्म होती है।

पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौडिय़ां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें। अगले दिन सुबह इन कौडिय़ों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। इस उपाय से घर में धन की कमी नहीं होती है। हर पूर्णिमा के दिन इन कौडिय़ों को अपनी तिजोरी से निकाल कर लक्ष्मी जी के सामने रखकर उन पर हल्दी से तिलक करें फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रखें। लक्ष्मीदेवी की कृपा बनी रहेगी। पौष पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगंधित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए। धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें। अपने घर के मंदिर में धन लाभ के लिए श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख रखें। इनको साबुत अक्षत के ऊपर स्थापित करना चाहिए।

पौष पूर्णिमा को सुबह स्नान के पहले संकल्प लें। पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करें। साफ कपड़े पहनें और सूर्य को अघ्र्य दें। फिर मंत्र जाप करके कुछ दान जरूर करेंौ इस दिन व्रत रखना और भी अच्छा रहता है। पौष पूर्णिमा पर स्नान के बाद कुछ विशेष मंत्रों के जाप से कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है। ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ सोम सोमाय नम:, ऊँ नमो नीलकंठाय, ऊँ नमो नारायणाय मंत्रों के जाप से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होने वाला रहता है।

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