संगम तट पर स्नान से पापों से मुक्ति || Vaibhav Vyas


 संगम तट पर स्नान से पापों से मुक्ति

ज्योति धाम सविता प्रबल,

तुमरे तेज प्रताप,

छार-छार है जल बहै,

जनम-जनम गम पाप॥

अर्थात् इस महीने में संगम तट या किसी धर्मस्थल में पर स्नान दान और पूजापाठ करने से जन्म-जन्म के पापों से भी मुक्ति पाई जा सकती है।

शास्त्रों में माघ मास में पवित्र नदियों के स्नान का महात्म्य बताया गया है जिसके अनुसार स्वयं भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अलावा सभी देव-देवता गण इस समय पवित्र नदियों पर संगम स्नान के लिए आते हैं और पृथ्वी पर विचरण करते हैं। ऐसे में उनके आने के कारण वह जगह स्वत: ही शुद्ध होकर कल्याणकारी बन जाती है। पद्म पुराण के अनुसार माघ महीने में संगम तट पर कल्पवास का विशेष महत्त्व है। प्रयागराज में संगम पर ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य गमन करते हैं। पुराणों में माघ मास के स्नान को नारायण की सिद्धि का सुगम मार्ग बताया है। महाभारत के अनुशासन पर्व के अनुसार माघ में प्रयागराज में तीन करोड़ दस हजार तीर्थों का समागम होता है।

ऐसी भी मान्यता है कि माघ में तिल, गुड़ व ऊनी वस्त्र दान देने से कार्य क्षेत्र में सफलता मिलती है व विवादों में जीत हासिल होती है। विष्णु धर्मसूत्र शास्त्र ने माघ महीने में बहते जल में सूर्योदय से पहले स्नान करना श्रेष्ठ कहा है। वहीं उगते सूर्य को पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात अघ्र्य देने से सूर्य भगवान की कृपा पात्र होने वाली रहती है।

माघ मास में भगवान विष्णु के मधुसूदन स्वरूप का शास्त्र आदेश देते हैं। मधुसूदन भगवान कृष्ण का ही एक नाम है जिन्होंने मधु नाम के राक्षस का वध किया था। माघ के महीने में भगवान मधुसूदन को मगद के लड्डू का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान दिया जाता है। माघ के महीने में भगवान श्रीकृष्ण की काले तिलों से पूजा करने से शनि ग्रह के कुप्रभावों से छुटकारा मिलता है। माघ के महीने में माता सरस्वती की काले तिलों से पूजा करने से राहु के दोषों से मुक्ति मिलती है। माघ के महीने में काले तिलों से पितृ तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

इन उपायों के अलावा श्रीकृष्ण के कुछ महाउपाय भी है जिन्हें सहज तौर पर ही कर लिया जाए तो शीघ्र फलदायी होते हैं। इन महाउपाय में- भगवान श्रीकृष्ण का पंचोपचार पूजा करें ऊँ श्रीनाथाय नम: मंत्र का जाप करने से शीघ्र फलदायी होता है। इसके अलावा भूत, भविष्य और वर्तमान सुधारने के लिए इस महाउपाय- भगवान श्रीकृष्ण पर 8 मु_ी काले तिल चढ़ाकर जल प्रवाह करने से समस्याएं दूर होती है और आने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है।

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