मंगल के उपाय करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति || Vaibhav Vyas


 मंगल के उपाय करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति

जन्म कुण्डली या गोचर में जब ग्रहों का शुभ फल प्राप्त न हो रहा हों या फिर पाप ग्रहों के प्रभाव में होने के कारण जब ग्रह व्यक्ति के लिये अनिष्ट या अरिष्ट का कारण बन रहे हों तो ग्रहों से संबन्धित उपाय  करने से व्यक्ति के कष्टों में कमी की संभावनाएं बनती है। या फिर कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति बहुत मेहनत कर रहा है, परन्तु योग्य होने पर भी उसे वांछित फल की प्राप्ति नहीं हो पाती है तो इस स्थिति में एकादश भाव के स्वामी ग्रह के उपाय करने से या फिर मंगल के उपाय करने से मनोवांछित फल प्राप्त होने की संभावना बनती है।

मंगल की वस्तुओं से स्नान- मंगल से संबन्धित वस्तुओं से स्नान करने पर इसके अशुभ प्रभाव को दूर किया जा सकता है। कुण्डली में मांगलिक योग  के लिये भी मंगल स्नान किया जा सकता है इस स्नान के लिये पानी में बेलगीरी डाल कर उबाल लिया जाता है उबले हुए पानी व वस्तु को सामान्य जल में मिलाकर स्नान किया जाता है। मंगल की वस्तुओं से स्नान करने पर वस्तु का प्रभाव व्यक्ति पर प्रत्यक्ष रुप से पडता हैौ यह उपाय शुभ मुर्हूर्त समय पर करने पर उत्तम फल प्राप्त होते है। यह स्नान करते

समय मंगल मंत्र का ध्यान करना चाहिए।

मंगल की वस्तुओं का दान- जब व्यक्ति के लिए मंगल की वस्तुओं से स्नान कर पाना संभव नहीं हो तो उसके लिये वस्तुओं का दान करना लाभकारी रहता है। मंगल की वस्तुओं में सभी लाल रंग की वस्तुएं, गुड्, लाल फूल, गेहूं, लाल दाल का दान करने से मंगल की शुभता में वृद्धि होती है। दान का कार्य जिस व्यक्ति के लिये किया जा रहा है उस व्यक्ति को अगर संभव हों तो अपने हाथों से दान करना चाहिए। इस कार्य को करने से पहले अपनों से बडों का आशीर्वाद लेने से उपाय के फलों में वृद्धि होती है। यह दान मंगलवार के दिन करना चाहिए तथा दान की वस्तुओं को लेते समय इस कार्य पर हो रहे धन व्यय को लेकर परेशान नहीं होना चाहिए। अपनी खुशी व सामथ्र्य के अनुसार ही दान करना चाहिए। दूसरों के सामने इसका बार-बार वर्णन करने पर विपरीत फलों की प्राप्ति की संभावनाएं बनती है अत: इससे भी बचना चाहिए।

मंगल ग्रह के उपायों में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। यह पाठ करने पर मंगल ग्रह की शान्ति होती है तथा इसके अशुभ प्रभाव को दूर किया जा सकता है। मंगलवार के दिन इस पाठ को करने से मंगल के अनिष्ट में कमी होती है। हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति को इस दिन अपने मन में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए- क्रोध, वाद-विवाद से इस दिन दूर ही रहना चाहिए तथा वैवाहिक

जीवन में संयम से काम लेना उत्तम फल देता है।

मंगल के मंत्र का जाप करना- ग्रहों का मंत्र जाप करने से भी ग्रह की शान्ति की जा सकती है। मंगल ग्रह की शान्ति के लिये ऊँ भौ भौमाय नम: मंत्र का जाप किया जा सकता है। राम नाम का पाठ करने पर भी मंगल की अशुभता में कमी होती है। इस मंत्र का जाप प्रतिदिन या फिर प्रत्येक मंगलवार के दिन एक

माला अर्थात 108 बार या अधिक किया जा सकता है। मंत्र का पूर्ण उच्चारण करना चाहिए।

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