हल्दी के उपयोग से दूर होती परेशानियां || Vaibhav Vyas


 हल्दी के उपयोग से दूर होती परेशानियां

हल्दी का उपयोग जहां पूजा-अर्चना और शुभ काम करते समय होता है वहीं हर घर की रसोई में हल्दी का इस्तेमाल मसालों के रूप में प्रमुखता से किया जाता है। इसक अलावा हल्दी एक जड़ी-बूटी है। जिससेे इसके इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियों से बचाव भी किया जा सकता है। हल्दी के आयुर्वेद में बताए गुणों कि पुष्टि करते हैं। इसके अलावा हल्दी के कुछ उपाय किए जाएं तो जीवन में आने वाली कई दिक्कतें-परेशानियां भी दूर होने वाली रहती है। हल्दी गुरू ग्रह को मजबूत बनाने का काम करती है। इससे भाग्य का साथ मिलता है। साथ ही मुसीबतों से भी छुटकरा मिलता है।

1. अगर आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा है तो गांठ वाली हल्दी को एक पीले धागे में बांधकर अपने बाजू या गले में पहन लें। ऐसा करने से आपका गुरू ग्रह मजबूत बनेगा।

2. जिनकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर होते हैं उन्हें पुखराज रत्न धारण करना चाहिए। मगर जो लोग इसे पहनने में असमर्थ हैं उन्हें हल्दी की जड़ बांधनी चाहिए।

3. हल्दी महज पीली ही नहीं आती है। ये नारंगी और काले रंग में भी होती है। इसलिए जो लोग मंगल ग्रह को शांत करना चाहते हैं उन्हें नारंगी हल्दी का दान करना चाहिए।

4. जिन लोगों का शनि ग्रह कमजोर है या शनि की महादशा चल रही है तो वे काली हल्दी का दान कर सकते हैं। इससे समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।

5. अगर किसी को पेट की बीमारी है या कैंसर से पीडि़त है तो ऐसे लोगों को हल्दी का दान करना चाहिए। साथ ही बृहस्पति देव को जल में हल्दी मिलाकर चढ़ाना चाहिए।

6. अगर आपको गुस्सा ज्यादा आता है तो आप प्रतिदिन सुबह हल्दी का तिलक लगाकर घर से बाहर निकलें। ऐसा करने पर आपका दिमाग शांत रहेगा।

7. मान-सम्मान पाने के लिए नहाते समय पानी में थोड़ी हल्दी डाल लें। इससे आपका भाग्य तेज होगा। साथ ही मनचाही नौकरी के भी योग बनेंगे।

8. सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नान के समय जल में थोड़ी हल्दी मिलाकर अघ्र्य दें। ऐसा करने से व्यक्ति की तरक्की होगी।

9. धन प्राप्ति के लिए गुरुवार को मां लक्ष्मी को पांच हल्दी की गांठें चढ़ााएं। अब पूजन के बाद इसे एक लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रख दें। इससे धन की वृद्धि होगी।

10. नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए घर में हवन करें। अब उसमें चुटकी भर हल्दी डालें। ऐसा करने से नेगेटिव ऊर्जा दूर हो जाती है।

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