एकादशी व्रत से मनोकामनाएं पूर्ण || Vaibhav Vyas


 एकादशी व्रत से मनोकामनाएं पूर्ण

एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है। इसके साथ ही एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है। हिंदू पंचांग के अनुसार 30 दिसंबर, 2021 को साल की आखिरी एकादशी तिथि है। पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक सफला एकादशी का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इस व्रत में रात्रि जागरण को आवश्यक बताया गया है। मान्यता है कि रात्रि जागरण के बाद ही इस व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।

शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत रखने से पापों से भी मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि परिवार में किसी एक सदस्य के भी एकादशी का व्रत करने से कई पीढिय़ों के सुमेरू सरीखे पाप भी नष्ट हो जाते हैं। सफला एकादशी का व्रत दशमी तिथि से ही शुरू हो जाता है। इसलिए सफला एकादशी का व्रत करने वाले को दशमी तिथि की रात में एक ही बार भोजन करना चाहिए। सफला एकादशी के दिन व्रत रखने वाले भक्तों को भगवान विष्णु के अच्युत स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद स्नान आदि करें और फिर व्रत का संकल्प लें। भगवान को धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित करें। इसके बाद भगवान अच्युत का पूजन नारियल, सुपारी, आंवला, अनार और लौंग से करें। कहते हैं कि इस दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है। इस दिन रात के समय जागते हुए श्री हरि की उपासना की जाती है। द्वादशी के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति या फिर ब्राह्मण को भोजन कराएं और सामथ्र्य अनुसार दान-दक्षिणा देनी चाहिए।

एकादशी के दिन श्री हरि की पूजा की जाती है और गुरुवार का दिन भी श्री हरि को ही समर्पित होता है। ऐसे में गुरुवार के दिन एकादशी होने का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु की सच्चे दिल से पूजा-अर्चना करने और व्रत आदि करने से भगवान भक्तों से प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। वहीं, इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। एकादशी का नाम ही सफला एकादशी होने से इसका अर्थ स्वयं सिद्ध हो जाता है कि इस दिन व्रत और विधि-विधान से की गई पूजा सफलता की द्योतक होती है।

पद्म पुराण में सफला एकादशी को पर्व कहा गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से पितरों को भी संतुष्टि मिलती है और जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान भी होने लगता है।

Comments