गणपति की आराधना से होता है भाग्योदय || Vaibhav Vyas


 गणपति की आराधना से होता है भाग्योदय

सनातन धर्म में भगवान गणेश मुख्य देवताओं में से एक हैं जिसके चलते किसी भी कार्य की शुरुआत श्री गणेशजी की पूजा से ही प्रारम्भ होती है। इन्हें बालगणपति, एकदंत, गजानन, गणपति, लंबोदर, विघ्नहर्ता, विनायक आदि नामों से जाना जाता है। भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी दिक्क्कतें और विपत्तियां दूर हो जाती हैं इसलिए उन्हें विघ्न को हरने वाला देवता माना गया है। भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता कहे गए हैं क्योंकि किसी भी पूजा को प्रारंभ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है। भगवान गणेश जी की पूजा भले ही किसी भी स्वरूप की करनी हो तो पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए।

हर एक इंसान अपने जिंदगी में सुख-समृद्धि पाने की इच्छा रखता है। भगवान गणेश की विधि-विधान से की गई पूजा से जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है तथा भक्त अपने कार्यक्षेत्र में सफल होता है। जो भक्त भगवान गणेश की सच्चे दिल से उपासना करता है भगवान गणेश उसको कभी भी अपने द्वार से खाली हाथ नहीं भेजते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से भाग्योदय होता है और आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भगवान गणेश की पूजा करने से बुद्धि में बढ़ोतरी होती है। जो भक्त बुद्धिमान बनना चाहता है उसे भगवान गणेश की पूजा-आराधना अवश्य करना चाहिए।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है यानी वह अपने भक्तों के जीवन में आने वाली सभी विपत्तियों को दूर करते हैं। इतना ही नहीं भगवान गणेश की पूजा करने से भय पर भी विजय प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान गणेश के बड़े-बड़े कान इस बात का प्रतीक है कि भगवान गणेश ध्यानपूर्वक बातों को सुनते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से इंसान अपने अंदर छिपी शक्ति पर ध्यान देने लगता है जिससे सहनशीलता में वृद्धि होती है। भगवान गणेश की पूजा ज्ञान बढ़ाने के लिए भी की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान प्राप्त करने में आसानी होती है।

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