संकटों को हरता संकटनाशन गणेश स्तोत्र || Vaibhav Vyas


 संकटों को हरता संकटनाशन गणेश स्तोत्र

श्री गणेश संकटनाशन का घर मे पाठ करने से घर में सभी प्रकार का क्लेश से मुक्ति मिलती हैं व घर मे हमेशा खुशियां ही खुशियां रहती हैं। प्रतिदिन पाठ करें संभव नहीं हो तो हर बुधवार के दिन संकटनाशन गणेश स्रोत का पाठ करने से यह हर संकट को हर लेता है। संकटनाशन गणेश स्तोत्र शुभ फलदायक भगवान गणपति को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि इसका पाठ करने से व्यक्ति के बिगड़े काम बन जाते हैं और उसके सभी संकटों का नाश होता है।

बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। मान्यता है कि भगवान गणेश को शुभ फलदाता माना जाता है। मान्यता है कि प्रत्येक बुधवार को गणपति का श्रद्धा से पूजन करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और शुभता आदि है। इसके अलावा कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार गणपति की कृपा जिस पर रहती है, उसके सभी संकटों का नाश हो जाता है और बिगड़े काम बनने लगते हैं।

यदि आप भी गणपति की कृपा के पात्र बनना चाहते हैं तो नियमित रूप से संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस पाठ को करने से पूर्व भगवान गणेश को सिंदूर, घी का दीपक, अक्षत, पुष्प, दूर्वा और नैवेद्य अर्पित करें। फिर मन में उनका ध्यान करने के बाद इस पाठ को वाचन करे।

संकटनाशन गणेश स्तोत्र-

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्

भक्तावासं स्मरेनित्यम आयुष्कामार्थ सिध्दये

प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्

तृतीयं कृष्णपिङगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्

लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च

सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धुम्रवर्णं तथाषष्टम

नवमं भालचंद्रं च दशमं तु विनायकम््

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम

द्वादशेतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर:

न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिध्दीकर प्रभो

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्

पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम

जपेद्गणपतिस्तोत्रं षडभिर्मासे फलं लभेत्

संवत्सरेण सिध्दीं च लभते नात्र संशय:

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा य: समर्पयेत

तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:

विशेष मनोकामना के लिए संकल्प करने के पश्चात इस पाठ का वाचन करना चाहिए। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करने के बाद आप गणपति की आरती करके उनका आशीर्वाद लें। अगर आप अपनी किसी खास मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो इसे 11 या 21 बुधवार तक या 11 या 21 दिनों तक करने का संकल्प लें। पहले दिन ही भगवान गणेश के समक्ष अपनी मनोकामना को कह दें और उनसे इसे पूरा करने की विनती करें। गणेश जी की आशीर्वाद मिलने लगेगा।

Comments