विघ्नहर्ता गणेशजी की पूजा से पाएं मनोवांछित फल || Vaibhav Vyas


 विघ्नहर्ता गणेशजी की पूजा से पाएं मनोवांछित फल

गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक भगवान श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी मानी गई है। इसलिए इन दिनों में गणेश जी की पूजा सुबह-शाम दोनों समय करने का विधान भी प्रचलित है। दोनों समय की पूजा के पश्चात आरती-धूप भी करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी देवी-देवताओं में श्री गणेश जी प्रथम पूजनीय हैं। इसलिए किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले गणेश भगवान की पूजा की जाती है। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए नियमित पूजा के साथ ही साथ उन्हें लाल सिंदूर से तिलक करें क्योंकि भगवान गणेश जी को लाल रंग बेहद प्रिय है। इसलिए विशेषकर बुधवार के दिन भगवान गणेश के पूजन में लाल सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं। इसके बाद इसे खुद भी लगाना चाहिए. इससे भक्त पर भगवान गणेश की कृपा बरसती है।

श्रीगणेश जी की पूजा में दूर्वा अवश्य अर्पित करनी चाहिए, क्योंकि दूर्वा उन्हें बहुत प्रिय है। इसे अर्पित करने से भगवान गणेश बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। श्री गणेश भगवान को  शमी का पौधा बहुत प्रिय है। इसलिए बुधवार के दिन भगवान गणेश को शमी का पौधा जरूर अर्पित करें। इससे घर में धन-धान्य और सुख शांति व्याप्त होने वाली होती है।

हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान चावल को अक्षत के रूप में चढ़ाया जाता है। क्योंकि चावल को पूजा पाठ में बहुत पवित्र माना जाता है। चावल भगवान श्रीगणेश जी को भी बहुत पसंद है। परंतु इन्हें  सूखा चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। श्रीगणेश की पूजा के दौरान इन्हें चावल को गीला करके चढ़ाना चाहिए इससे प्रसन्न होकर वे अपने भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। बुधवार के दिन श्रीगणेश भगवान को घी, गुड़ का भोग लगाना चाहिए. इससे भगवान श्रीगणेश अति प्रसन्न होते हैं। श्री गणेश भगवान की कृपा से घर में धन संबंधी सभी समस्याएं दूर होती हैं. जीवन में खुशहाली का आगमन होने लगता है।

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