भीतर का विश्वास पुनगर्ठित करने के लिए खुद को अपडेट करें ।

 किसी व्यक्ति ने शुरुआती तौर पर किसी क्षेत्र में प्रवेश किया और उसके संघर्षों के साथ सफलताएं भी मिली। तो कुछ वर्षों में ही ये लगने लगता है कि हम शायद इसी कार्य क्षेत्र के लिए बने हैं। यहीं से हमारी रुचि जुड़ी हुई है और यहीं हम सबसे बेहतर कर सकते हैं। इसी के साथ पूरे जीवन चलना चाहिए। किन्तु कुछ ही वर्षों में ये भ्रम दूर होने लगता है कि ये क्षेत्र हमारे लिए सबसे बेहतर नहीं है, अच्छा जरूर है, किन्तु हम किसी और फील्ड स्पेशिफिक में और बढिय़ा कर सकते हैं। वहां खुद को व्यक्ति सरकमचांसेज के साथ घिरा पाता है। लगता है कि 15 वर्ष का अनुभव हो चुका है, अब शायद कुछ हो नहीं सकता। रिस्क लेने का मतलब नहीं है, किन्तु हमारी रुचि और हमारी जाग्रति बारम्बार कहती है कि शायद हमको उस क्षेत्र की ओर एक बार हाथ जरूर आजमाना चाहिए। वहां यदि हम खुद को थोड़ा सा मोल्ड करते हैं और ये कहते हैं कि प्रयास करने में हर्ज क्या है। वहीं से जीवन पुन: एक बार बदलाव की ओर जाता है। 

45 वर्ष की उम्र है, 50 वर्ष की उम्र है। फाइनेंसियल केलकुलेशन अच्छी है, किन्तु हम आई.टी. इंडस्ट्री के साथ जुड़े। मन करता है कि शेयर मार्केट की स्टडी करके निवेश के बारे में सोचा जाए और इसी के साथ रिटायरमेंट प्लान कर पाएं और उसके बाद भी कामकाज में जुड़े रहे। हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। 15 से 20 वर्ष उस केलकुलेशन से दूर हुए हो चुके। वहां स्वयं के भीतर की स्थिरता की आवश्यकता होती है। धीरे-धीरे उस क्षेत्र में खुद को मोल्ड करने की आवश्यकता होती है। अंततोगत्वा वहां जो रुचि हमारे भीतर पांव पसारे हुए हैं। व्यक्ति उसी के साथ जुडऩे की शुरुआत करता है और यहीं से खुद के सारे ही आयाम परिवर्तित करके रख देता है। 

आपको गाने का शौक रहा है, किन्तु मजबूरियों के कारण वो पीछे छूट गया। पुन: समय आता है, दशाएं अपना खेल दिखाती है, आपको मौका मिलता है। आप लोगों के बीच में वाह-वाही का केन्द्र बिन्दु बनते हैं, किन्तु लगता है कि यहां से हम प्रोफेशनल एप्रोच नहीं देख सकते। प्रोफेशनल एप्रोच देखने भी क्यों है, जो ईश्वर देगा वो मंजूर है। जिस क्षेत्र में कर्म करते हैं, इसी वजह से जहां हम है वहां बेहतर कर रहे हैं, सफलता हासिल की है, किन्तु इससे बेहतर और कोई और क्षेत्र में कर सकते हैं तो वो सारी प्रवृति को भीतर तक खंगालने की आवश्यकता रहती है। 

खुद को अपडेट करते रहे, अपग्रेड करते रहे। जो भी क्षेत्र आसपास है वहां खुद को झोंकने का प्रयास जरूर करें। अंततोगत्वा भीतर का विश्वास पुनगर्ठित होता है और हम किसी और रास्ते की ओर निकलने की शुरुआत भी करते चले जाते हैं। मन के भीतर के अज्ञात भय समाप्त होने वाले होते हैं, इसी रास्ते के साथ में।

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