मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए जपें मां दुर्गा के 32 नाम ।




मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए जपें मां दुर्गा के 32 नाम

नित्य प्रतिदिन पूजा स्थान पर मां का ध्यान किया जाए तो व्यक्ति बाधाओं और संकटों से हमेशा दूर रहने वाला होता है। अगर प्रतिदिन संभव नहीं हो तो वर्षभर में आने वाली किसी भी नवरात्रि में श्री दुर्गा माता, भगवती की उपासना करने से हर व्यक्ति को मन इच्छित फल प्राप्त होते हैं।

शास्त्रों और पुराणों के अनुसार जब दानव महिषासुर के वध से प्रसन्न और निर्भय हो गए त्रिदेवों सहित देवताओं ने प्रसन्न भगवती से कहा- हे देवी! यदि वह उपाय गोपनीय हो तब भी कृपा कर हमें कहें। यानि ऐसे किसी अमोघ उपाय की याचना की, जो सरल हो और कठिन से कठिन विपत्ति से छुड़ाने वाला हो, तब मां दुर्गा ने उनके अतिप्रिय इन 32 नामों को जपने का रहस्य समझाया था। यदि मनुष्य प्रतिदिन संभव हो सके तो नित्य अथवा नवरात्रि में विधि-विधान से इन 32 का नामों का श्रद्धापूर्वक जप करे तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होने में देर नहीं लगती।

इसके लिए सुबह-सुबह देहशुद्धि के बाद कुश या कंबल के आसन पर बैठकर पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करके घी के दीपक के सामने इन नामों की 5, 11 या 21 माला नवरात्रि के 9 दिन में करते हुए जगतमाता से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की याचना करनी चाहिए।

मां दुर्गा/भगवती के 32 नाम इस प्रकार हैं- 1. ऊँ दुर्गा, 2. दुर्गतिशमनी, 3. दुर्गाद्विनिवारिणी, 4. दुर्गमच्छेदनी, 5. दुर्गसाधिनी, 6. दुर्गनाशिनी, 7. दुर्गतोद्धारिणी, 8. दुर्गनिहन्त्री, 9. दुर्गमापहा, 10. दुर्गमज्ञानदा, 11. दुर्गदैत्यलोकदवानला, 12. दुर्गमा, 13. दुर्गमालोका, 14. दुर्गमात्मस्वरुपिणी, 15. दुर्गमार्गप्रदा, 16. दुर्गम विद्या, 17. दुर्गमाश्रिता, 18. दुर्गमज्ञान संस्थाना, 19. दुर्गमध्यान भासिनी, 20. दुर्गमोहा, 21. दुर्गमगा, 22. दुर्गमार्थस्वरुपिणी, 23. दुर्गमासुर संहंत्रि, 24. दुर्गमायुध धारिणी, 25. दुर्गमांगी,

26. दुर्गमता, 27. दुर्गम्या, 28. दुर्गमेश्वरी, 29. दुर्गभीमा, 30. दुर्गभामा, 31. दुर्गमो, 32. दुर्गोद्धारिणी।

देवी द्वारा देवताओं को दी गई इस गोपनीय साथ ही सरलतम विधि का कोई भी व्यक्ति प्रतिदिन वाचन करता है तो मां की दुर्गा की कृपा से उसकी सारी परेशानी, कठिनाई इन केवल इन 32 नामों का उच्चारण करने मात्र से दूर होकर सभी दुख दूर हो जाते है और वो आनंदपूर्वक जीवन व्यतीत करता है।

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