सफलता के लिये जीवन में अनुशासन होना जरुरी है ।

 नया वर्ष  आ चुका है। खुद के लिए  कई रिजोल्यूशन पास करने हैं जिससे कि जीवन में एक नया रिवोल्यूशन लाया जा सके और हम सफलता की ओर जा सकें। कुछ आदतों को छोडऩा है, अनुशासन के साथ चलना है। किसी कार्य को बाकी नहीं रखना है। ये सब 1 जनवरी से करेंगे। तो व्यक्ति दस से बारह के अंदर उत्साह बनाकर रखता हूं। आज तो आराम से उठते हैं, आज काम चल रहा है, कोई बात नहीं किन्तु जब भी संकल्प की सिद्धि प्राप्त करनी हो, व्यक्ति के सामने कोई भी अवसर हो तो उसे टालने की ओर नहीं जाना चाहिए। 

यदि हमको अनुशासित होना है तो कल से क्यों, एक जनवरी, 2021 से क्यों? इसी क्षण से हम उस पोजीशन के साथ में क्यों नहीं चल सकते हैं। कई बार कॉल को मिस करने की आदत है, हम उसको लगाना भूल जाते हैं, रिश्ते खराब हो जाते हैं। 1 जनवरी, 2021 से ऐसा नहीं होगा, किन्तु आज जो कॉल सामने है क्या उसका टालना हितकर है। क्या आज से ही प्रो एक्टिव होकर संकल्प अपने साथ नहीं जोड़ देना चाहिए। अनुशासन के साथ में नहीं चले, शारीरिक स्तर पर कमजोरी महसूस कर रहे हैं, प्राणायाम, योगा, जिम करना है, किन्तु नव वर्ष की शुरुआत के साथ में आज रिलेक्सेसन के साथ चलना है, वहां जोश बनता है। दो से तीन दिनों के अंदर उसी रुटिन में आ जाते हैं। अनुशासन काफूर हो जाता है। हम जो भी परिवर्तन चाहते हैं, उसका समय आज है, आज भी नहीं इसी क्षण है। इस क्षण हम उन सारी ही स्थितियों को जिम्मेदारी के साथ अपनाकर चलने वाले होते हैं तो एक नई आदत विकसित करते चले जाते हैं, अन्यथा सिर्फ और सिर्फ नकारात्मकता के साथ स्थितियां गूंजती रहती है। 

हम कहीं पर पहुंचने वाले नहीं होते। न जाने कितनी बार व्यक्ति अपने लिए ऐसे रिजोलेशन को पास करता है, किन्तु पहुंचता कहां है और कितने दिन उस परिवर्तन के साथ में रह पाते हैं फिर से उस शो-कॉल्ड कन्फर्ट जोन में आ जाते हैं जो वर्षों से साथ चल रहा है। किन्तु हम चाहते हैं कि इस बार वाकई में परिवर्तन लाने है तो उसकी शुरुआत इसी क्षण से हो जाए तो आप सहजता के साथ में उस परिवर्तन की ओर जा पाएंगे। यही प्रो-एक्टिव एप्रोच है। यही कर्म की आधारशिला है। जो टला वो टलता चला जाएगा, जो आज हासिल है, और कर्म के साथ में जिसकी अनुगूंज जुड़ी हुई है, यकीन मानिये वो सफलता की ओर लेकर जाएगा ही। जो काम टलता है वो लगातार आगे से आगे खिसकता चला जाता है और सफलता भी उतनी दूर रहती है। साढ़े पांच बजे उठना है, छह बजे उठना है ये सारे अलग संकल्प है किन्तु इसकी सिद्धि की आवश्यकता, मन शरीर और आत्मिक स्तर पर एक होगी तो सफलता पाएंगे, अन्यथा कोई न कोई स्थिति रोकती चली जाएगी। इस बारे में हमको विचार जरूर करना चाहिए।

Comments

  1. आत्मा को झंझोड़ने वाला विचार"सफलता के लिए जीवन में अनुशासन होना जरूरी।"

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