ज्ञान के साथ जीवन में सहजता और सरलता बनी रहे ।



हमने किसी भी क्षेत्र के भीतर प्रवेश किया और जानकारियों को अर्जित करने का प्रयास किया। कर्म के साथ अनुभव मिले उनको मंथन के साथ मिलाकर ज्ञान का आधार भी निर्मित किया। ज्ञान का आधार निर्मित करना एक बात है किन्तु जैसे ही वो ज्ञान हमारी सहजता को दूर करने लगता है तो उस ज्ञान के साथ हम कई बार खुद को एक स्तर के साथ नहीं पहुंचा पाते। हालांकि मैटेरियलिस्टक वर्ल्ड में हासिल तो बहुत कर जाएंगे, लेकिन लोगों के साथ जुडऩे की सहजता नहीं आ पाएगी। 

एक ऑफिस में जाते हैं, एक व्यक्ति को देखकर मुस्कुराहट आती ही नहीं है, दूसरे व्यक्ति को हम बिलकुल प्लीजिंग एप्रोच के साथ चलते हैं उसको बहुत अच्छे से क्रियेट भी करते है। इसके पीछे वजह क्या है, हमने खुद को अपने ज्ञान और जानकारी के आधार पर बांटना शुरू कर दिया है कि फलां व्यक्ति हमारे ओहदे का है या फलां व्यक्ति हमारे बराबर ओहदे का नहीं है। जहां बनावटीपन आने लगता है। एक व्यक्ति जिसने 30 वर्षों का अनुभव हासिल किया, अच्छी खासी शिक्षा थी, जो भी नया व्यक्ति ऑफिस या व्यापारिक जीवन में आता है, सहजता के साथ मिलता है, चर्चाएं करता है और उसको बहुत अच्छे से एक सिम्पलिसिटी के साथ माहौल से अवगत करवाता है, क्या वजह है। क्योंकि उस व्यक्ति ने अपने भीतर की सहजता को जीवित करके रखा हुआ है। भले ही घर-परिवार हो हमको ऐसा लगने लगता है कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुछ न कुछ किया है, हमें मिलकर ओहदा देना चाहिए कि हम इसके काबिल हैं। वहीं उन रिश्तों में बनावटीपन लाने लगते हैं, सहजता खत्म होने लगती है। जब भी किसी भी उम्र में हों, जानकारी और ज्ञान हासिल कर ले, वहीं पर जमीन से जुड़ा रहता है तो ऐसी स्थितियां सताने वाली नहीं होती है। 

यदि खुद को इसके लिए सेल्फ एग्जामिन करना है, किसी भी माहौल में है और ये चर्चा याद कर लीजिये आपको समझ आ जाएगा कि हमारे मत-मतान्तर, हमारे स्वभाव में विभेद आ रहा है, तो कहीं न कहीं हमें स्वयं के भीतर समझदारी के साथ बदलाव लाने की आवश्यकताएं हैं। यही बदलाव जीवन के अंदर खुशियां भी देता है। कोई एक व्यक्ति ऑफिस में है और आपकी खुशियों के साथ लेकर चलना चाहता है, आप भी प्रसन्न होंगे। और यदि कहता है कि ये तो ओहदे के साथ है, ये तो अपने हिसाब से चलेंगे, बातचीत हुई नहीं, तो विभेद आने लगता है। हम प्रयास जरूर करें कि ज्ञान जीवन में बढ़ता चला जाए, ज्ञान के प्रति जिज्ञासाएं बढ़ती जाए किन्तु सहजता और सरलता निरन्तर बनी रहे तो आप देखियेगा कि जीवन अलग तरीके से एक महक के साथ चलने वाला होता है।

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