आलोचना व्यक्ति को निस्तेज बनाती है..Criticism makes a person sleepless

 इस  लेख को पढ़ लेने के बाद आप पांच मिनट के लिए प्रयास जरूर कीजियेगा कि कुछ वक्त एकांत में बीते। अपने जीवन में एक बार फ्लेश बैक की ओर जाकर यह समझने का प्रयास जरूर करना चाहिए कि आलोचनाओं ने हमारे पांवों को किस तरह से जकड़ कर रखा, कितनी असीम संभावनाओं को जीवन से बहुत दूर हटाया है आलोचनाओं ने। जितना हौसले तेजवान नहीं करते उतने ही आलोचनाएं व्यक्ति को निस्तेज करने का कार्य करती है। आपके भीतर की ओर हमारे भीतर की असीम संभावनाएं जिसके साथ में व्यक्ति विशेष चलता है। कोई व्यक्ति जिसने उस क्षेत्र में अनुभव ही नहीं लिया, आपको रोकता है और कहता है कि शायद तुम गलत रास्ते की ओर जा रहे हो। वहीं से व्यक्ति अपने पथ को परिवर्तित करता है, किन्तु फिर से कहीं-न-कहीं उस पथ की ओर जाता भी है। किन्तु उस व्यक्ति ने जो आपको यह कह दिया कि कहां जाओगे, कहां पहुंचोगे, कितनी बार प्रयास कर चुके हो, कभी पहुंचे तो नहीं कहीं। 

एक बार फिर से प्रयास कर रहे हो, चले जाओ। ये आलोचना हो गई। एक व्यक्ति ने रोकने का प्रयास किया उसका तरीका दूसरा था। किन्तु आलोचनाएं मन को कुंठित करके रख देती है और जब व्यक्ति अपने भीतर एक ऐसी दीवार मानसिक स्तर पर ऐसी दीवार खड़ी कर देता है कि जहां आलोचनाएं व्यक्तिगत जीवन के लक्ष्य को कहीं पर भी भेद नहीं पाए। हम अपनी रफ्तार के साथ में चल रहे हों, हम आलोचनाओं की परवाह किए बिना जब अपने सफर की ओर निकलते हैं तो वहीं से सफर सफलता की ओर जाता हुआ दिखाई देता है। 

लक्ष्य क्या है? जो व्यक्ति ने अपने मन के भीतर ठाना और उस ओर चल पड़ा, वो लक्ष्य है। किन्तु इस लक्ष्य के भीतर ठोकर रूपी स्थितियां कई बार आलोचनाओं के रूप में आती है। व्यक्तिगत जीवन में हों चाहे भले ही आप सामाजिक जीवन के भीतर, किसी भी स्तर पर हों, आलोचनाएं जिंदगी में बनी रहेगी। अंतिम ऊर्जावान श्वांस तक ये आलोचनाएं पीछा नहीं छोड़ती। किन्तु हमारा उद्देश्य क्या है? हमारी नितांत स्थितियां क्या है? प्रत्येक दिन इस सफर के साथ में जो व्यक्ति निकल पड़ता है वो उन आलोचनाओं से इतना भयभीत नहीं होता। मैंने कई बार आब्जर्व किया है और ये एक रिसर्च की पोजीशन भी है ज्योतिष के साथ में। कि मेष और वृश्चिक राशि के जातक भी जब अपनी आलोचनाओं को सुनते हैं तो एग्रेसिव मोड़ के बारे में जवाब देने के बारे में सोचते हैं और जब भी ऐसे जवाब की ओर जाते हैं तो कहीं-न-कहीं अपनी ऊर्जा का हनन करते हैं। वहीं वृषभ और तुला राशि के जातक शुक्र प्रधान राशि के जातक व्यंग्यात्मक शैली में उस व्यक्ति विशेष को कहीं-न-कहीं जवाब देने का प्रयास करते हैं। मिथुन और कन्या राशि के जातक मानसिक स्तर के ऊपर ऐसी कुंठाओं को जाग्रत कर देते हैं जिसकी आवश्यकता कहीं पर नहीं थी। कर्क राशि चन्द्र प्रधान राशि यहां पर स्थितियां बिलकुल अलग तरीके से आती है। व्यक्ति अपने सेल्फ इंग्निश प्रोसेस को ही खो देता है। 

वहीं आप गौर करें सिंह राशि के जातकों के लिए जो आत्मविश्वास की असीम संभावनाएं आपके भीतर है, उसको कहीं-न-कहीं व्यक्ति खोता चला जाता है। धनु और मीन राशि के जातक उस आलोचना को अपने ज्ञान के साथ में कहीं-न-कहीं कम्पेयर करने लगते हैं, अपनी जानकारी के साथ में कम्पेयर करने लगते हैं। ये सोचते हैं कि मैंने जो जानकारी ली वो शायद कम थी, या इसको और निखार कर मैं चलने का प्रयास करूं। वक्त जब भी क्लिकिंग एप्रोच दे तो उसको थामना जरूरी है और उसके साथ में बढऩा बहुत ज्यादा आवश्यक है। इस बारे में हमें सोचना चाहिए। तो वहीं मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए एक बहुत अलग पोजीशन आती है। वो अपने कदमताल को और ज्यादा मंद कर देते हैं। चाल को और ज्यादा धीमा कर देते हैं। जब जिस समय जिस क्षेत्र के भीतर हमारी आवश्यकता थी, हम उस ओर निकल पड़े, किन्तु किसी व्यक्ति विशेष की आलोचनाओं का शिकार होकर अगर उस रफ्तार को और ज्यादा धीमा कर दिया तो यह सफर कहीं पहुंच नहीं पाता। तो इन आलोचनाओं को जीवन का हिस्सा बनने दीजिये, इनको उतनी ही तवज्जो दीजिये जितनी कि आवश्यकता है। जीवन हमारा है। स्वतंत्र और ऊर्जा मुक्त सांस के साथ में जब व्यक्ति चल रहा है और अपने पूरे ही एक तरह से लक्ष्य संधान की स्थितियों में अग्रसर है तो कहीं पर भी अपना धीरज नहीं खोए। किसी भी व्यक्ति को जवाब देने के लिए बार-बार रुके नहीं, यत्न और प्रयत्न होने चाहिए।

Comments

  1. सच में आलोचना से घबराकर बहुत बार गति धीमी कर ली थी,फिर ईश्वर के बंदे या भक्त ने पुनः रास्ता बताया की आप सही है फिर हिम्मत आती है ,फिर मंज़िल की तरफ बढ़ते है,फिर नई राह फिर नई आलोचनाएं।बाहर वालों की तो सहन हो जाती है,पर अपने पति और बच्चे जब आलोचना करने लगे तो जीना ही बेकार लगने लगता है।फिर यही सोच कर जाने दो।

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